वर्ष 2012 के अक्टूबर व नवम्बर माह में दैनिक जागरण के चंदौली संस्करण में मुगलसराय से प्रकाशित हुये दो भ्रामक समाचारों की शिकायत को संज्ञान में लेने के बाद भारतीय प्रेस परिषद ने वादी व जागरण के वाराणसी के सम्पादक को सुनवाई के लिये नोटिस जारी किया है। सुनवाई वर्ष 2016 के 5 जनवरी को सुनिश्चित है। विदित हो कि वर्ष 2012 के अक्टूबर माह के 19 तारीख को जागरण के पृष्ठ संख्या 02 पर ”बिजली कटौती के विरोध में क्रमिक अनशन” नामक शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था जो पूरी तरह गलत था। वादी राजीव कुमार ने स्पष्ट किया था कि दिनांक 17 अक्टूबर को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किया जायेगा और किया भी गया था। इसका समाचार लगभग सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता से 18 अक्टूबर के अंक में प्रकाशित किया था, जागरण को छोड़कर। उसी समाचार को दैनिक जागरण ने 19 अक्टूबर को क्रमिक अनशन के रूप में दिखाया।
नवम्बर माह में भी 06 नवम्बर के दैनिक जागरण के पृष्ठ संख्या 3 पर ”एक्सईएन ने समाप्त कराया अनशन” नामक शीर्षक से प्रकाशित समाचार में भी आपत्ति की थी। उक्त समताचार में आन्दोलन किन मुद्दों पर हुआ और किस विभाग के एक्सईएन ने समाप्त करवाया, यह न प्रकाशित करके पूरी खबर को चार लाईन में समेट दिया गया था। जनहित के लिये किये गये आन्दोलन के समाचार के साथ खिलवाड़ के बाबत जब जागरण के स्थानीय प्रतिनिधि विनय वर्मा से पूछा गया था तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया था कि आपके पास बीजे एमजे का प्रमाणपत्र नहीं है इसलिये अपको पूछने का हक नहीं है। इसकी शिकायत वादी ने प्रेस काउंसिल आफ इंडिया को की थी।
इसके बाद भारतीय प्रेस परिषद ने मामले को गम्भीरता से लेते हुये पत्रांक मिसिल संख्या 14/600/12-13 पीसीआई के तहत परिवाद दर्ज कर कार्यवाही के लिये समाचार पत्र की प्रति मांगी थी जिसे वादी ने मय प्रपत्र बजरिये डाक भेज दिया था। भारतीय प्रेस परिषद ने पुनः दिनांक 16 दिसम्बर 2015 को जारी किये गये पत्र के माध्यम से वादी राजीव कुमार व प्रतिवादी दैनिक जागरण के सम्पादक को 2016 के 5 जनवरी को दिल्ली के प्रेस कौसिल कार्यलय के सूचना भवन में उपस्थित होने के लिये नोटिस जारी किया है।