Bhaskar Guha Niyogi-
विकास के बुल्डोजर ने ढहा दिया गांधी चौरा अब गोडसे पर नाटक कर देंगे गांधी को श्रद्धांजलि
आने वाले 30 जनवरी को बनारस में गांधी जी की पुण्यतिथि पर बनारस में होगा नाटक गोडसे का मंचन… राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और संस्कार भारती बनारस इकाई ने किया है बनारस रंग महोत्सव का आयोजन…
वाराणसी। गांधी जी के नाम पर चलाएं जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनारस में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े महत्वपूर्ण स्मृति स्थल को ही विकास के बुल्डोजर ने ढहा दिया है। बेनियाबाग के मैदान में विकास के बयार ने स्मृति चिन्ह को जमींदोज कर दिया है।
हैरत की बात तो यह है कि स्थानीय प्रशासन भी इस बारे में मौनी बाबा की भूमिका में रहा। वहीं शहर के राजनीतिक दलों और गांधी भक्तों की जुबान को भी लकवा मार गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ही इस काम को अंजाम दिया गया।
सिरफिरे गोडसे द्बारा महात्मा गांधी की हत्या के बाद अंतिम संस्कार के पश्चात उनकी अस्थियों को विसर्जन के लिए बनारस लाकर जन सामान्य के दर्शन के लिए यहीं रखा गया था। बाद में स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर राज गोपालाचारी के हाथों इसी जगह पर गांधी चौरा की नींव रखी गई थी। लेकिन स्वदेशी सरकारों के शासनकाल में ही गुलामी के दौर में स्वदेशी जननायक की स्मृति को ही शहर से मिटा डाला।
बात यही नहीं खत्म हुई। अब आगामी 30 जनवरी यानी बापू की पुण्यतिथि पर बनारस में ही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और संस्कार भारती बनारस इकाई की ओर से आयोजित बनारस रंग महोत्सव में गोडसे नाटक का मंचन कर बापू को श्रद्धांजलि देने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि इस मुद्दे पर भी बनारस का रंगकर्म जगत और बुद्धिजीवी खामोश है।
समय और समाज का ये अनोखा स्वरुप है जहां हत्यारे को महिमा मंडित करने की रवायत बनाने की कोशिशें जारी हैं। मौजूदा हालात पर गांधी जी के अंतिम शब्द ही कहा जा सकता है और वो है….हे राम!
भास्कर गुहा नियोगी
पत्रकार
वाराणसी