प्रिंट मीडिया और टीवी न्यूज चैनलों के बाद अब गूगल भी बिक गया. आनलाइन दुनिया का बादशाह कहे जाना वाला गूगल अब मोदी सरकार के कदमों में लोट चुका है. मोदी सरकार संरक्षित बीजेपी आईटी सेल वालों की निशानदेही पर चुन-चुन कर उन यूट्यूब चैनलों पर ग़ाज़ गिराई जा रही है जो मोदी सरकार के प्रति आलोचनात्मक रुख रखते हैं. ऐसा 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है ताकि आम जन तक सही खबरें, सही वीडियोज और सही कंटेंट न पहुंच सके.
मोदी सरकार ने सबसे पहले तो गूगल इंडिया की तगड़ी घेराबंदी कराई. आरोप लगाया गया कि गूगल इंडिया के लोग यूट्यूब समेत कई माध्यमों के जरिए घृणा फैलाए जाने को रोक नहीं पा रहे हैं. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. गूगल को आदेश दिया गया कि वह उन चुनिंदा कंटेंट को हटाए जो जनता के बीच घृणा फैलाते हैं. इसके बाद मोदी सरकार द्वारा संरक्षित बीजेपी आईटी सेल के लोग चुन चुन कर सरकार की पोल खोलने वाले यूट्यूब चैनलों को निशाना बनाने लगे और इनको गृह मंत्रालय के माध्यम से गूगल को रिपोर्ट कराने लगे.
गूगल ने भी आंख मूंद कर कई बड़े और सरकार के प्रति आलोचनात्मक रुख रखने वाले यूट्यूब चैनलों का कत्लेआम शुरू कर दिया. दर्जनों यूट्यूब चैनलों को टर्मिनेट कर दिया गया. कइयों के उन वीडियोज को रिमूव कर दिया गया जो सरकार की जनविरोधी नीतियों और जनता को आपस में लड़ाने की साजिशों की पोल खोल रहे थे. कुछ यूट्यूब चैनलों का विज्ञापन बंद कर दिया गया. माना जा रहा है कि मोदी सरकार पर सवाल उठाने वाले यूट्यूब चैनलों पर ग़ाज़ गिरने का ये सिलसिला निकट भविष्य में और तेज होने वाला है.
आइए अब कुछ उन यूट्यूब चैनलों की बात करते हैं जो पिछले दिनों मोदी सरकार की रखैल बन चुके गूगल की तानाशाही के शिकार बने. भड़ास के यूट्यूब चैनल का विज्ञापन गूगल ने बिना कोई कारण बताए बंद कर दिया. भड़ास के यूट्यूब चैनल पर न कोई कापीराइट स्ट्राइक था, न कम्युनिटी पैरामीटर्स का उल्लंघन था, न ही किसी वीडियो विशेष पर किसी को कोई आपत्ति थी. इसके बावजूद बिना कारण बताए गूगल ने भड़ास के यूट्यूब चैनल का विज्ञापन बंद कर दिया.
विज्ञापन बंद करने की मेल भेजने के बाद गूगल भड़ास के यूट्यूब चैनलों के वीडियोज पर विज्ञापन एकतरफा तौर पर चलाता रहा और इसके पैसे को खुद ही हड़पता रहा. इस ठगी और तानाशाही की भड़ास ने गूगल के ट्वीटर और फेसबुक पेजेज पर किया लेकिन कहीं से कोई रिस्पांस नहीं क्योंकि ऐसा लगता है, गूगल ने भारत की सरकार से अच्छा खासा रिश्वत हासिल कर लिया है, सरकार विरोधी चैनलों और पोस्टों को हटाने के लिए.
एक और यूट्यूब चैनल की बात करते हैं. माइनॉरिटी मीडिया सेंटर यूट्यूब चैनल था जो पिछले चार साल से अपनी खिदमात अंजाम दे रहा था। इसके अबतक एक लाख चौरासी हज़ार सब्सक्राइबर्स थे और दो करोड़ से ज़्यादा इसके व्यूवर्स थे। यह चैनल पूरी ईमानदारी और ज़िम्मेदारी के साथ अकलियतों के मसाइल को उठाता था। सही खबर देता था। ब्रेकिंग न्यूज़ देता था।
डॉ नासरा खातून रिज़वी का यह चैनल हमेशा सच की आवाज़ उठाता था लेकिन अचानक इसको बंद कर दिया गया। एएनआई न्यूज़ एजेंसी जो सबको प्रोग्राम देता है, माइनॉरिटी मीडिया सेंटर ने इसको सब्सक्राइब करते हुए इसकी कुछ क्लिप ले ली थी। इसने कभी इत्तेला नहीं की बल्कि स्ट्राइक मार कर इसको बंद कर दिया।
माइनॉरिटी मीडिया सेण्टर ने एएनआई के ज़िम्मेदारां से गुज़ारिश की वो एक मौक़ा दे लेकिन उन्होंने ढाई लाख रुपया महीना माँगा और १५ लाख रूपए जमा करने को कहा जो मुमकिन नहीं था। माइनॉरिटी मीडिया सेंटर के जिम्मेदारान से बदतमीज़ी भी की। ऐसा क्यों हो रहा है, ये सोचने वाली बात है। माइनॉरिटी मीडिया सेण्टर को शक है कि यह सब कुछ भाजपा के इशारे पर हो रहा है और वो अकलियतों को आवाज़ दबाना चाहती है। स्पष्ट है कि गूगल को काफी पैसा मिला है, मोदी सरकार विरोधी वीडियोज को रिमूव करने के लिए।
अब बात पल पल न्यूज के यूटयूब चैनल की करते हैं जिसे बिना कोई नोटिस दिये Terminate कर दिया गया. 6 लाख 81 हजार Subscribers, 13 Crores Views, 4450 Videos और सालों की लगातार मेहनत को 25 सितम्बर 2018 को करीब दो बजे पल पल न्यूज के यूटयूब चैनल को बिना कोई नोटिस दिये Terminate कर दिया गया। जब पूछा गया कि वजह क्या है? तो 3 बजे मेल मिला कि हेट स्पीच के आधार पर हमारे चैनल को बंद कर दिया गया।
पल पल न्यूज की संचालिका खुश्बू अख्तर कहती हैं- जिस वीडियो को हेट स्पीच डाल कर बंद किया वो वीडियो करीब 12 बजे डाला गया था। इसमें न हेट है और न ही गाली है। जिस वीडियो को आधार बनाकर Terminate किया गया उसमें हमने ही सवाल उठाया है कि नफरत फैलाने का औऱ हेट स्पीच फैलाने पर सरकार रोक कब लगाएगी? और हमें ही हेट स्पीच का रीजन दिया गया। पल पल न्यूज के यूटयूब चैनल को बिना कोई नोटिस दिये Terminate कर दिया गया। मैं ऐसे हजारों हेट स्पीच वीडियो YOUTUBE पर ही दिखा सकती हूं जिसे नेशनल न्यूज चैनल ने खुद चलाया, वो YOUTUBE platfoam पर मौजूद हैं। पर उन्हें डिलीट या टर्मिनेट नहीं किया गया। सिर्फ उन यूट्यूब चैनलों को निशाना बनाया गया जो केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर आलोचनात्मक और पत्रकारीय रुख रखते हैं।
कहा गया कि इस चैनल को काफी लोगों ने रिपोर्ट किया और रिव्यू के बाद चैनल Terminate किया गया. पर एक घण्टे के भीतर 6 लाख 81 हजार Subscribers वाले चैनल को YouTube द्वारा अचानक Terminate कर दिया जाना सीधे तौर पर दिखा रहा है कि ये बहुत बड़ी साजिश है।
पिछले एक साल में कोई Strike कोई community guidance नहीं था। बीते पंद्रह दिनों में दो community guidance Strike आई। वीडियो 2017 may-june का वायरल #moblyching पर Blur के साथ दिखाया गया वीडियो है जिस पर अब अचानक से community guidance आई और 15 दिन चैनल Suspend रहा। हम मेल करते रहे, कोई जवाब नहीं आया।
इसमें हमने YouTube Google को बताया कि वो खबर दिखाने का हमारा क्या मकसद था। पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई।
फिर 15 दिन बाद चैनल शुरू हुआ और ठीक तीन बाद Terminate कर दिया गया। तीन बजे तीसरी community guidance Strike को आधार बनाकर हमें ही हेट स्पीच का दोषी बताया गया जबकि पत्रकार होने के नाते मैं मेरा काम कर रही थी और हमारा बिना पक्ष जाने YouTube ने हमारे चैनल को Terminate कर दिया।
ये सीधे तौर प्रेस की आजादी पर हमला है. नफरत और अन्याय के शिकार हुए लोगों के लिए लड़ने वालों को ही नफरत फैलाने का दोषी बनाया गया है। खुश्बू अख्तर अपील करती हैं- मैं सभी लोगों, खासकर पत्रकारों और सोशल जस्टिस की लडाई लड़ने वालों से अपील करती हूं कि वो हमारी इस लडाई में मेरा साथ दें. गूगल की ये हिटलरगिरी नहीं चलेगी.
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की रिपोर्ट. अगर आपके साथ भी गूगल ने बदतमीजी की है तो उसके बारे में लिखकर [email protected] पर जरूर भेजें ताकि गूगल की गुंडागर्दी पर लगाम लगाया जा सके.
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