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मजीठिया मांगने पर अखबार ने अपने कर्मचारी को भेजा ऐसी जगह जहां दफ्तर ही नहीं

झारखंड के दो अखबारों के प्रबंधन से श्रम अधीक्षक ने मांगा स्टैंडिंग आर्डर : अपने कर्मचारियों का पोस्ट बदलकर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने से बचने का जुगाड़ लगाने में लगे हिन्दुस्तान अखबार के मालिकान अब उन लोगों पर गाज गिराने की जुगत में लग गये हैं जिन्होंने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश को सिर आखों पर रखकर अखबार प्रबंधन के खिलाफ श्रम विभाग में शिकायत कर रखा है कि अखबार प्रबंधन उन्हें जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ नहीं दे रहा है। झारखंड के हिन्दुस्तान अखबार और प्रभात खबर को दिन में तारे दिखाते हुये श्रम अधीक्षक ने उन्हे स्टैंडिग आर्डर की कापी देने को कहा है ताकि देखा जा सके कि स्टैंडिंग आर्डर अखबार ने प्रमाणित कराया है विभाग से या यहां भी जुगाड़ से मॉडल स्टैंडिंग आर्डर से काम चलाया जा रहा है।

<p>झारखंड के दो अखबारों के प्रबंधन से श्रम अधीक्षक ने मांगा स्टैंडिंग आर्डर : अपने कर्मचारियों का पोस्ट बदलकर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने से बचने का जुगाड़ लगाने में लगे हिन्दुस्तान अखबार के मालिकान अब उन लोगों पर गाज गिराने की जुगत में लग गये हैं जिन्होंने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश को सिर आखों पर रखकर अखबार प्रबंधन के खिलाफ श्रम विभाग में शिकायत कर रखा है कि अखबार प्रबंधन उन्हें जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ नहीं दे रहा है। झारखंड के हिन्दुस्तान अखबार और प्रभात खबर को दिन में तारे दिखाते हुये श्रम अधीक्षक ने उन्हे स्टैंडिग आर्डर की कापी देने को कहा है ताकि देखा जा सके कि स्टैंडिंग आर्डर अखबार ने प्रमाणित कराया है विभाग से या यहां भी जुगाड़ से मॉडल स्टैंडिंग आर्डर से काम चलाया जा रहा है।</p>

झारखंड के दो अखबारों के प्रबंधन से श्रम अधीक्षक ने मांगा स्टैंडिंग आर्डर : अपने कर्मचारियों का पोस्ट बदलकर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने से बचने का जुगाड़ लगाने में लगे हिन्दुस्तान अखबार के मालिकान अब उन लोगों पर गाज गिराने की जुगत में लग गये हैं जिन्होंने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश को सिर आखों पर रखकर अखबार प्रबंधन के खिलाफ श्रम विभाग में शिकायत कर रखा है कि अखबार प्रबंधन उन्हें जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ नहीं दे रहा है। झारखंड के हिन्दुस्तान अखबार और प्रभात खबर को दिन में तारे दिखाते हुये श्रम अधीक्षक ने उन्हे स्टैंडिग आर्डर की कापी देने को कहा है ताकि देखा जा सके कि स्टैंडिंग आर्डर अखबार ने प्रमाणित कराया है विभाग से या यहां भी जुगाड़ से मॉडल स्टैंडिंग आर्डर से काम चलाया जा रहा है।

बताते हैं कि हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड, रांची प्रबंधन ने मुख्य उप संपादक अमित अखौरी और वरिष्ठ उप संपादक शिव कुमार सिंह को कार्यालय में घुसने पर मौखिक रूप से क्रमश: १७ नवंबर और ६ दिसंबर २०१६ को रोक लगा दी। रोक लगाने के अगले दिन दोनों कर्मी जब कार्यालय पहुंचे, तो मुख्यद्वार पर उपस्थित गार्ड ने हाथ जोड़कर विनती करते हुए उनसे कार्यालय में न घुसने की बात कही। इसके बाद दोनों कर्मियों ने इसकी शिकायत श्रम कार्यालय, रांची से की।

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यहां बता दें कि दोनों कर्मी नियमित रूप से कार्यालय जाते हैं, लेकिन कार्यालय में नहीं जाने दिए जाने के कारण वापस आ जाते हैं। श्रम अधीक्षक-1 रांची ने २० दिसंबर को सुनवाई करते हुए हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड, रांची प्रबंधन को कारण पूछते हुये नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख २६ दिसंबर को तय की है जिसमें कंपनी को स्टैंडिंग आर्डर और डोमेस्टिक इन्क्वायरी रिपोर्ट की छाया प्रति लाने को कहा है।

शिकायतकतार्ओं ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मांगने पर बिना नोटिस दिए उन्हें कार्य करने से रोक दिया गया और दफ्तर में घुसने नहीं दिया जा रहा है। ज्ञात हो कि २० दिसंबर को सुनवाई के क्रम में हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड, रांची प्रबंधन के प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह ने रांची की श्रम अधीक्षक-1 के समक्ष बयान दिया है कि हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड, दिल्ली प्रबंधन के निर्देश पर ही दोनों कर्मियों को दफ्तर आने से रोका गया है।

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वहीं दूसरी ओर, रांची की श्रम अधीक्षक-1 ने दैनिक अखबार प्रभात खबर के कर्मियों की शिकायत पर समझौता वार्ता के दौरान अखबार के प्रबंधन को निर्देश देते हुए स्टैंडिंग आर्डर, वेतन भुगतान पंजिका और कामगारों की उपस्थिति पंजिका अगली तय तिथि को लेकर आने को कहा है। मालूम हो कि प्रभात खबर के चार कर्मियों मुख्य उपसंपादक मनोज कुमार सिन्हा, मुख्य उपसंपादक मिथिलेश झा, वरिष्ठ उपसंपादक कौशल किशोर एवं तकरीबन पांच साल तक प्रशिक्षु पत्रकार बनाकर रखे गए राजीव कुमार ने तबादले के खिलाफ श्रम कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी थी।

इन लोगों का तबादला क्रमश: राउरकेला (जहां अखबार का दफ्तर ही नहीं है), चतरा ब्यूरो (झारखंड), किशनगंज (बिहार) एवं पटना डिजिटल विभाग में कर दिया गया था। इतना ही नहीं, उनकी छुट्टी और वेतन कटौती की जाने लगी। मामले की सुनवाई करते हुए रांची श्रम अधीक्षक-1 ने प्रभात खबर प्रबंधन से २६ दिसंबर को स्टैंडिंग आर्डर, वेतन भुगतान पंजिका और कामगारों की उपस्थिति पंजिका  लेकर आने को कहा है।

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शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
मुंबई
९३२२४११३३५

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