Dear Umesh, Attached is your termination letter. Since you refused to receive both the letter & cheque, it has been sent to your address as available in our records. You are advised to get in touch with HR representative immediately to complete exit formalities.
Thanks & Regards
HR Team
उपरोक्त मेल उमेश कुमार मल्लिक को हिंदुस्तान प्रबंधन के निर्देश पर एचआर डिपार्टमेंट की तरफ से भेजा गया है. उमेश का अपराध बस ये है कि उन्होंने कानून और न्याय के निर्देश का पालन करते हुए मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से एरियर व सेलरी देने की मांग अखबार प्रबंधन से कर दी थी. कंपनी टर्मिनेशन के पीछे बहाना खराब परफारमेंस को बना रही है. उमेश दैनिक हिंदुस्तान, रांची के मीडिया मार्केटिंग यानि सेल्स डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं.
उधर, मजीठिया मामले की सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे वकील उमेश शर्मा ने ऐसे मामलों को देखते हुए ऐलान किया है कि अब अखबारों के एचआर हेड को भी सुप्रीम कोर्ट में बनाया जाएगा पार्टी. देश भर के पत्रकारों के वेतन, एरियर और प्रमोशन से जुड़े मजीठिया वेज बोर्ड मामले में लेबर विभाग में 17 (1) का क्लेम लगाने वाले समाचार पत्र कर्मियों को गलत तरीके से टर्मिनेट करने और उनके ट्रांसफर सस्पेंशन मामले में जल्द ही देश भर के समाचार पत्रों के एचआर हेड को भी सुप्रीमकोर्ट में दौड़ना पड़ेगा। मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट उमेश शर्मा ने बताया कि जिस तरीके से मजीठिया वेज बोर्ड के क्रियान्यवन के मामले में अब तक अखबार मालिकों को पार्टी बनाया गया है, उसी तरह देश भर के समाचार पत्रों के एच आर हेड को भी सुप्रीम कोर्ट में पार्टी बनाया जाएगा, वह भी उनके नाम के साथ.
उमेश शर्मा के मुताबिक देश भर के समाचार पत्रों के एच आर हेड अपने मालिकों के बिना लिखित आदेश और श्रम विभाग से बिना अनुमति लिए मजीठिया मांगने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं या उनका ट्रांसफर कर रहे हैं. साथ ही कर्मचारियों का हैरेशमेंट कर रहे हैं. ऐसे एच आर हेड को सुप्रीमकोर्ट में घसीटा जाएगा और उनके खिलाफ सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवमानना का मुकदमा शुरू कराकर उन्हें जेल भेजा जाएगा.
श्री उमेश शर्मा ने देश भर के समाचारपत्र कर्मियों से निवेदन किया है कि अगर मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया मांगने या 17 (1) के तहत लेबर विभाग में क्लेम करने पर आपका ट्रांसफर या टर्मिनेशन या सस्पेंशन आपकी कंपनी के एचआर हेड ने किया है तो कृपया उस एचआर हेड का पूरा नाम, कंपनी का पूरा नाम, पता (पिनकोड के साथ) और अगर मैनेजर ने ट्रांसफर, टर्मिनेशन किया है तो उसका पूरा नाम और पता मेल के जरिये बतायें ताकि उस एचआर हेड या मैनेजर को नोटिस भेजा जाय और सुप्रीमकोर्ट में पार्टी बनाया जाय. साथ ही समाचार पत्र कर्मी अपना नाम, पता, प्रताड़ना के प्रकार का भी उल्लेख करें. उमेश शर्मा की ईमेल आईडी [email protected] है.