D Pankar-
Indian Institute of Mass Communication में सहायक निदेशक (राजभाषा) की न्युक्ति परीक्षा में नकल कराने जाने का बहुत ही गंभीर आरोप सामने आया है, ये परीक्षा आज ही 5 मार्च 2022 को सम्पन्न हुई है.
परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों ने परीक्षा कक्ष निरीक्षक पूजा कलबलिया पर आरोप लगाया है कि वो मोबाइल से नकल करवा रही थी.
परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों ने IIMC के महानिदेशक संजय द्विवेदी को इस सम्बन्ध में एक पत्र लिखा है और आरोप लगाया है कि कक्ष निरीक्षक पूजा कलबलिया ने परीक्षा में शामिल एक परीक्षार्थी जिसका नाम अंकुर विजयवर्गीय है, उसकी परीक्षा कक्ष में मोबाइल से नकल करवा रही थी.
परीक्षा कक्ष में मौजूद परीक्षार्थियों ने महानिदेशक के नाम लिखे गए पत्र में ये भी लिखा है कि बाकी उम्मीदवारों ने जब नकल करवाने का विरोध किया तो पूजा कलबलिया कमरा छोड़कर तुरंत भाग गयी.
नकल करवाने की आरोपी पूजा कलबलिया और नकल करने के आरोपी अंकुर विजयवर्गीय दोनों ही वर्तमान में IIMC में कार्यरत हैं और इनकी न्युक्ति IIMC के वर्तमान महानिदेशक संजय द्विवेदी के कार्यकाल में हुई है.
नकल करवाने की आरोपी पूजा कलबलिया को 2021 में इम्का ( IIMC Alumni Association) द्वारा एड पर्सन ऑफ़ द ईयर का अवार्ड भी दिया जा चुका है. ये अभी IIMC में टीचिंग एसोसिएट हैं.
नकल करने के आरोपी अंकुर विजयवर्गीय फिलहाल भी IIMC में ही कार्यरत हैं, वो एसोसिएट(पब्लिक रिलेशन) हैं.
एक फोटो मुझे प्राप्त हुई है जिसमें अंकुर विजयवर्गीय संजय द्विवेदी के साथ बेड पर बैठे हुए हैं, नीचे चाय रखी है और अंकुर विजयवर्गीय के हाथ में संभवतः नमकीन का पैकेज है.
अंकुर विजयवर्गीय ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है जहां कभी IIMC के वर्तमान महानिदेशक संजय द्विवेदी प्रभारी कुलपति और रजिस्ट्रार रहे हैं.
पिछले वर्ष IIMC में रिक्तियों के लिए कुछ विज्ञापन निकले थे, उनमें से एक विज्ञापन पद सहायक निदेशक (राजभाषा) के लिए निकला था, देश भर से युवाओं ने इस पद के लिए फार्म भरे.
5 मार्च 2022 को IIMC दिल्ली के परिसर में इसकी परीक्षा हुई और परीक्षा के दौरान ही हंगामा हो गया.
IIMC में संजय द्विवेदी के कार्यकाल के दौरान हुई कई न्युक्तियां विवादों के घेरे में रही हैं. ऐसे में सहायक निदेशक (राजभाषा) की न्युक्ति में सम्पूर्ण पार्दर्शिता सुनिश्चित अवश्य होनी चाहिए.
एक पूर्व छात्र के तौर पर IIMC के सभी पूर्व छात्रों से मेरा अनुरोध है कि वो इस मामले में एक प्रेशर ग्रुप की तरह काम करें, और पारदर्शिता सुनिश्चित हो ऐसी कोशिश करें, संस्थान सिर्फ डीजे पर नाचने के लिए नहीं है.
One comment on “iimc में सहायक निदेशक (राजभाषा) की नियुक्ति परीक्षा में नकल कराने का आरोप!”
गंभीर मामला है। त्वरित आवश्यक कार्यवाई होनी चाहिए। सही प्रतिभा का चयन हो।
संस्थान की गरिमा बनी रही ,यह सुनश्चित होना चाहिए I अनैतिक कार्यों को बढ़ावा नहीं मिले , भले ही संबंधित पक्ष कितना भी प्रभावशाली हो या पहुँच रखता हो।
उम्मीद है नीतिगत मूल्यों और योग्य प्रतिभाओं के साथ अन्याय नहीं होगा।