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आयोजन

IND का AUS से न होकर पाकिस्तान से मुकाबला होता तो दैनिक जागरण क्या लिखता?

मनीष दुबे-

आज भारत का आस्ट्रेलिया से मुकाबला है. मीडिया में इसे लेकर जश्न जैसा माहौल है, यह लाजिमी भी है. तब जब टीआरपी घटने-बढ़ने का प्रश्न हो. तमाम टीवी चैनल और अखबार वाले अपने-अपने दर्शकों के लिए एक से एक नायाब कटेंट खोज निकालकर ला रहे हैं. इधर नंबर वन और विश्व का सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार दैनिक जागरण ने कतई अलग कटेंट परोसा है. यह आज दैनिक जागरण अखबार के लखनऊ संस्करण का पेज है. उपर तारीख लिखी है, 19 नवंबर 2023. खेल पेज की लीड हेडिंह है, ‘आज होगा धर्मयुद्ध.’

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जागरण के मुताबिक IND-AUS के बीच आज धर्मयुद्ध की लड़ाई है. अब जागरण से पूछिए भईया काहे का धर्मयुद्ध? इसे तो बल्ला और गेंद का खेल कहते हैं. इसके साथ क्रिकेट को अनियमितताओं का खेल कहा जाता है. हालांकि वे अनियमितताएं भी बाद में जाती रहीं. अब तो सबकुछ सेट धरा है. और बड़ी बात नहीं आज भी सब सेट हो. प्रधानमंत्री अपने लोगों के साथ स्वयं पहुंच रहे हैं. मैच देखेंगे.

लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि यदि भारत का ये मुकाबला आस्ट्रेलिया से ना होकर पाकिस्तान से होता तो.. आज का दैनिक जागरण क्या लिखता. हो सकता है तब के बुखार का भगवान ही मालिक होता. एक बात और कि मुझे तो लगता है, जैसे मोदी जी विश्व गुरू बने हैं न, वैसे ही यह अखबार भी नंबर वन और सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला बना है. क्योंकि हाल ही में बड़ी तादाद में लोग जगरण का सब्सक्रिप्शन बदलते दिख रहे हैं.

पवन सिंह-

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ये महज एक खेल है या धर्म है…

ये तो अच्छा हुआ इसने कोविड से हो रही लाखों मौतों पर हेडिंग नहीं लगाई- सामूहिक मौत धर्म
ये तो अच्छा हुआ इसने नोटबंदी के कारण हुई मौतों पर हेडिंग नहीं लगाई- करेंसी मुक्ति धर्म
ये तो अच्छा हुआ इसने गलवान, लद्दाख से लेकर अरूणाचल में चीनी कब्जे पर हेडिंग नहीं लगाई- दान धर्म
ये तो अच्छा हुआ बेरोजगारी और नष्ट होते रोजगार पर हेडिंग नहीं लगाई- बेरोज़गार धर्म
ये तो अच्छा हुआ कि सड़क पर पैदल चलते 800 गरीब कामगारों की मौत पर हेडिंग नहीं लगाई- सड़क धर्म
पेन, कापी, किताब तक पर जीएसटी वसूली पर हेडिंग नहीं लगाईं- जीएसटी धर्म
ये तो अच्छा हुआ कि उसने डूबती करेंसी पर हेडिंग नहीं लगाई- गरिमा धर्म
ये तो अच्छा हुआ कि उसने दो दर्जन से अधिक गुजरातियों द्वारा देश की बैंकों का अरबों-खरबों रूपए लेकर भागने पर हेडिंग नहीं लगाई- बैंक समापन धर्म
बैंकों द्वारा घाटा पूरा करने के लिए हो रही 40 तरह की कटौती पर जागरण ने हेडिंग नहीं लगाई- गरीब कटाई धर्म…अब तो चहुंओर धर्म ही धर्म है .. लेकिन यह समझ नहीं आ रहा है कि ये कौन सा धर्म है..?

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1 Comment

1 Comment

  1. सिस्टम

    November 19, 2023 at 1:26 pm

    एक नंबर का हरामी अखबार है । एक नंबर का झुट्ठा और शुद्ध दलाल !

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