कुछ ऐसे अफसर होते हैं जो जी हुजूरी न करने के कारण सत्ता शासन की आंखों में चुभते रहते हैं. पार्टी चाहें कोई हो, सत्ता में आने के बाद इन्हें चापलूस अफसर ही चाहिए जो हर आदेश को यस सर यस सर कह कर कुबूल कर ले.
जो अधिकारी गलत-सही में भेद करने वाली अपनी अंतरआत्मा को नहीं मार पाते और अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी इमानदारी से करते हैं उन्हें हर पार्टी के शासनकाल में झेलना पड़ता है.
यहां बात हो रही है आईपीएस पंकज चौधरी के बारे में. बनारस के रहने वाले पंकज राजस्थान कैडर के आईपीएस अफसर हैं. ये काफी समय से सीएम अशोक गहलोत से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं पर मुख्यमंत्री की तरफ से कुछ भी हां या ना नहीं कहा जा रहा है.
दरअसल पंकज ने सरकारों के इशारे पर चलने की बजाय ग्राउंड पर जो कुछ गलत सही दिखा, उस आधार पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया अपनाई तो वो सत्तधारी नेताओं और चापलूस अफसरों को खटकने लगे. उन्हें फील्ड से हटाकर कम महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया जाने लगा. बाद में सब मिलकर उनकी नौकरी के पीछे पड़ गए.
कोर्ट की लड़ाई के जरिए पंकज ने साजिशों को नेस्तनाबूत कर हराया पर अब भी वे अपने साथ हो रहे भेदभाव से उबर नहीं पाए हैं. उनका प्रमोशन रोक दिया गया है. उन्हें कई किस्म से प्रताड़ित परेशान किया जा रहा है. जाहिर है, ये सब भाजपा और कांग्रेस दोनों के राज में हुआ और इन दिनों कांग्रेस के सीएम अशोक गहलोत पंकज चौधरी के मुद्दे पर मौनी बाबा बने हुए हैं.
देखें सीएम को मिलने के लिए वक्त देने हेतु लिखा गया पत्र-
राजस्थान के एक लोकल अखबार ने पंकज चौधरी के बारे में काफी कुछ प्रकाशित किया है जिसे नीचे दिया जा रहा है.
Comments on “बनारस के रहने वाले इस आईपीएस आफिसर को मिलने के लिए वक्त क्यों नहीं दे रहे हैं मुख्यमंत्री?”
ईमानदार अधिकारियों को फिल्ड देनी चाहिए।
आई पी एस पंकज कुमार चौधरी साहब को फिल्ड पोस्टीग दी जाएं।