दीपांकर-
चाक चौबंद व्यवस्था में परिंदा भी पर नहीं मार सकता वाली कहावत दैनिक जागरण वालों ने लिटरली ले ली है.
ये मुख्यमंत्री की लिफ्ट में मच्छर घुसने से इतने आश्चर्यचकित हैं कि ख़बर बना रहे हैं.
किसी टकले के सर से बड़े-बड़े बाल टूटकर गिरने लग जाये तो दो कालम की न्यूज समझ भी आती है.
लेकिन मच्छर घुसने पर खबर?
क्या मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में मच्छरदानी भी होती है?
दैनिक जागरण लिख रहा कि चाक चौबंद व्यवस्था के बावजूद सीएम की लिफ्ट में मच्छर घुस गया था.
महापौर के हाथों मच्छर मसला गया और इस प्रकार मच्छर दो कॉलम की न्यूज को प्राप्त हुआ.
आश्चर्यजनक है कि दैनिक जागरण ने मच्छर का पोस्टमार्टम करवाने की मांग अभी तक जनहित में क्यों नहीं करी?
डेंगू वाला मच्छर हुआ तो?
मैं तो कहता हूं “ठांय-ठांय पुलिस” को मच्छरों के इनकाउंटर के लिए लगाना चाहिए.
One comment on “दैनिक जागरण की मच्छर मार पत्रकारिता!”
तो क्या यह सच में सही है