कहते हैं चोरी के लिए अकल चाहिए… पर दैनिक जागरण चोरी करने में भी अकल का इस्तेमाल नहीं करता। टाइम्स ऑफ़ इंडिया जैसे टाइम्स व्यू देता है बड़ी खबरों पर उसी की नक़ल में दैनिक जागरण ने जागरण विचार देना शुरू किया है। लेकिन स्टाफ़ तो वही है। कम सेलरी वाला। सो चार लाइन के जागरण विचार में गिन लीजिए ग़लतियों की संख्या…