मेरठ दैनिक जागरण इन दिनों अस्थिरता और संक्रमणकाल से गुजर रहा है। हालात ऐसे बन पड़े हैं कि काम करने वाले गंभीर पत्रकार जागरण मेरठ को नमस्ते करने को मजबूर हैं। जहां कई संजीदा पत्रकार जागरण को अलविदा कह चुके हैं, वहीं कई नए-पुराने काबिल कर्मचारी भी यही राह पकड़ने की असमंजस में हैं। मालिकान और उनके शीर्ष सहयोगियों की अयोग्यता अब यहां के मीडिया कर्मियों के सिर चढ़ कर बोलने लगी है। भ्रष्ट चापलूसों से ज्यादातर कर्मी आजिज आने लगे हैं।
दैनिक जागरण मेरठ में रिपोर्टिंग में रहे संजीव मिश्र ने संस्थान को अलविदा कह दिया है। संजीव मिश्र को पहले साजिश के तहत बुलंदशहर ब्यूरो से मेरठ स्थानांतरित किया गया। यहां भी उन्हें योग्यता के हिसाब से काम नहीं दिया गया। रिपोर्टिंग में मौका मिला तो उन्होंने शानदार काम किया, लेकिन नीति और हालात से खिन्न संजीव मिश्र ने तकरीबन दस साल की सेवा को विराम देते हुए दैनिक जागरण छोड़ दिया। उन्होंने हिंदुस्तान ज्वाइन किया है। हिंदुस्तान ने उनकी योग्यता का सम्मान करते हुए मथुरा जैसी महत्वपूर्ण ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया है।
दूसरा झटका दैनिक जागरण मेरठ को मनीष शर्मा के रूप में लगा। एक दशक से ज्यादा वक्त से दैनिक जागरण के सहयात्री मनीष शर्मा तेजतर्रार रिपोर्टर होने के साथ ही डेस्क के भी सितारे रहे हैं। जागरण ने उन पर कई प्रयोग किए, जिन पर वह खरे उतरे। शामली जिले के ब्यूरो प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल उपलब्धि भरा रहा, जबकि मुजफ्फरनगर ब्यूरो में बतौर वरिष्ठ संवाददाता उन्होंने कई सनसनीखेज खुलासे किए। मुजफ्फरनगर में प्रभारी बनाकर भेजे गए अयोग्य प्रवीण वशिष्ठ के दांवपेंच का विरोध करने पर इन्हें भी मेरठ यूनिट के संपादकीय नेतृत्व ने मुख्यालय बुला लिया। मनीष शर्मा ने भी एक सप्ताह पहले दैनिक जागरण को बाय बोल दिया। बताते हैं कि यह कदम उन्होंने मेरठ यूनिट में चल रही राजनीति और खींचतान के चलते उठाया है। खबर है कि वह वनवास को चले गए हैं।
दैनिक जागरण की मेरठ यूनिट का साथ नवोदित पत्रकार अभिषेक कौशिक ने भी छोड़ दिया। अभिषेक कौशिक ने मेरठ मुख्यालय रहते हुए विभिन्न डेस्कों पर जिम्मेदारी निभाई, लेकिन उनका ट्रांसफर बुलंदशहर ब्यूरो कर दिया गया। बताते हैं कि वहां निवर्तमान ब्यूरो प्रमुख नीरज गुप्ता (उच्चस्तरीय जांच के बाद मेरठ मुख्यालय स्थानांतरित) ने उनसे अवैध वसूली करानी चाही। इससे हैरान-परेशान अभिषेक कौशिक ने दैनिक जागरण से इस्तीफा देकर हिंदुस्तान मेरठ ज्वाइन किया है। सूत्रों की मानें तो इनके अलावा दैनिक जागरण के कई और नए-पुराने व कर्मठ पत्रकार जागरण से भागने का रास्ता तलाश रहे हैं। सिरहाने बैठे मालिक के भ्रष्ट चापलूसों ने योग्य मीडिया कर्मियों का काम करना दुश्वार कर रखा है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित