(रेपिस्ट, धोखेबाज और चीटर मनोज कुमार की तस्वीर दिखाती पीड़ित मेडिकल छात्रा)
वे दोनों नेटवर्किंग साइट्स के जरिए मिले. फ्रेंड बने. लड़का ध्यान, योग, मोक्ष के नाम पर चलाए जा रहे एक एलीट किस्म की आध्यात्मिक संस्था से जुड़ा था. वह लड़की को भी इस संस्था के बैनर तले जोड़कर उसके करीब आने लगा. लड़की बड़े पवित्र भाव से इस संस्था से जुड़ी. धीरे धीरे दोनों की दोस्ती प्रगाढ़ होने लगी. लड़का और लड़की दोनों मेडिकल बैकग्राउंड के हैं. शायद इसलिए दोस्ती जल्दी हुई. दोनों में आध्यात्मिक बातें होती रहीं. लड़का और लड़की दोनों अलग-अलग प्रदेशों से हैं. दोनों दिल्ली में मेडिकल फील्ड में पढ़ाई और ट्रेनिंग कर रहे हैं. लड़के का नाम है मनोज कुमार जो बिहार का रहने वाला है. लड़की ने दोस्ती को दोस्ती समझा लेकिन मनोज कुमार के मन में कुछ दूसरा पक रहा था.
लड़की दिल्ली में अकेले रहकर पढ़ाई करती है. मनोज ने एक रोज उसे घर पर बुलाकर डिनर कराने को कहा. लड़की ने बेझिझक मान लिया. लड़की के मन में कोई पाप नहीं था. मनोज के आध्यात्मिक समझ पर उसे पूरा भरोसा था. मनोज के भौतिक-दैहिक कामनाओं-लिप्साओं से उठे होने पर पूरा यकीन था. मनोज डिनर पर लड़की के घर पहुंचा. और, अचानक लड़की पर टूट पड़ा. लड़की भौचक. उसका विरोध हो-हल्ला काम नहीं आया.
रेप के बाद मनोज माफी मांगने का नाटक करके चला गया. लड़की पूरी रात रोती रही. वह पुलिस में जाने को तैयार हो गई. तभी मनोज फिर आ गया और उसके पैरों पर गिर पड़ा. शादी कर पत्नी बना लेने का वादा किया. प्रतीकात्मक रूप से उसने उसी क्षण पत्नी मान लिया. लड़की फिर उसके भरोसे में आ गई. लड़की अब मनोज को पति मानने लगी. दोनों के बीच रिश्ता साल भर तक चलता रहा. लड़की शादी के लिए मनोज पर दबाव बनाती रही. मनोज अपने परिजनों को लड़की के घर शादी की बात करने भेजने की बात कह टालता रहा, भांति-भांति तरीके से आश्वासन देता रहे.
इस बीच लड़की दो बार गर्भवती हुई. जिस अस्पताल में गर्भपात कराया गया, वहां के कागजों में मोज ने पति के रूप में अपने हस्ताक्षर किए हैं. इसी बीच शातिर मनोज चुपचाप कुछ वकीलों से संपर्क कर लड़की को जीवन से दूर करने और कानूनी बचाव लेने का काम शुरू कर देता है. वकीलों के सलाह के तहत वह कई काम कर डालता है ताकि अगर लड़की कल को थाना-पुलिस गई तो अपने बचाव में वह कागज-पत्तर तैयार रख सके. मनोज अपने परिजनों को एक रणनीति के तहत लड़की के घर शादी का प्रस्ताव लेकर जाने को कह देता है और इतनी तगड़ी रकम की मांग करवा देता है कि लड़की वाले पैसे दे पाने में असमर्थतता जाहिर कर देते हैं.
एक रोज मनोज अचानक गायब हो जाता है. मनोज शादी के लिए एक दूसरे के घरवालों के राजी न हो पाने को मजबूरी के रूप में पेशकर लड़की को अकेला छोड़ देता है. इस सदमे से पूरी तरह टूट चुकी लड़की को समझ में नहीं आता कि वो क्या करे. जिस पर उसने बार-बार भरोसा किया, उसने बार-बार छला. उसने मन, तन, धन सबको छला. हर तरह से शोषण किया. लाखों रुपये लड़के ने लड़की से ले लिए थे, तरह-तरह के काम और मजबूरियां बताकर. लड़की अंत में न्याय पाने के लिए लड़ाई लड़ने को खुद को तैयार करती है. वह पूरे घटनाक्रम को लिखती है और पुलिस थाने जाती है. वकीलों से संपर्क करती है.
पुलिस वाले आरोपी मनोज के पक्ष से मिल गए और पूरे मामले को इतना कमजोर कर दिया कि आरोपी मनोज सजा न पा सके. दरअसल मनोज पहले से तैयार था कि लड़की अगर कोर्ट कचहरी पुलिस के पास गई तो वह सिस्टम को अपने हिसाब से प्रभावित कर लेगा. हुआ भी यही. वकीलों ने लाखों रुपये लिए लेकिन कोर्ट में कुछ ऐसा नहीं कर पाए कि लड़का लंबे समय तक जेल में रह पाए. आरोपी मनोज कुमार तिहाड़ जेल गया और तुरंत छूटकर बाहर आ गया. पीड़ित लड़की आरोप है कि पुलिस के इनवेस्टीगेशन आफिसर और उसके वकील ने आरोपी मनोज से पैसे लिए और पूरे केस को कमजोर करने की कोशिश की.
मनोज अब कदम कदम पर लड़की को धमकाता है. पीछा करता है. खत्म करने की बात कहता है. न लड़ने के लिए धमकाता है. मनोज की किसी दूसरे लड़की से शादी होने वाली है. एम्स यानि वो जगह जहां मनोज पढ़ाई कर रहा है, वहां भी लड़की ने लिखित शिकायत की. पीड़ित लड़की भड़ास4मीडिया से बातचीत में कहती है: ”एम्स की तरफ से आरोपी मनोज को डिग्री एवार्ड की जा रही है जबकि वह आईसीएमआर इंस्टीट्यूट के सेक्सुअल हैरेसमेंट कमेटी द्वारा बलात्कार और प्रताड़न का दोषी पाया जा चुका है.”
पीड़ित लड़की सिस्टम से थक हार चुकी है लेकिन लड़ने का जज्बा नहीं छोड़ा है. वह हर दरवाजे पर जाती है जहां से उसे न्याय की आशा दिखती है. पीड़ित लड़की खुद का फेसबुक पेज बनाकर अपनी पूरी बात दुनिया को बताने की तैयारी कर रही है.
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Justice for victim of FIR No.947u/s376 IPC
पीड़ित छात्रा जब पुलिस के पास गई तब पूरे मामले को मीडिया ने अपने-अपने तरीके से लिखा, छापा, दिखाया… कुछ अखबारों में छपी खबरों की कटिंग यहां पेश हैं…
पीड़ित छात्रा ने न्याय के लिए बनाए अपने फेसबुक पेज पर अपनी कहानी किस तरह बयान की है, उसे पढ़ने के लिए नीचे गिए शीर्षक पर क्लिक करें…