चुनाव से पहले यूपी भाजपा में खलबली मचनी शुरू हो गई है. प्रमुख दावेदारों ने अब अपने विरोधियों को शह-मात देने के लिए पत्रकारों की सेवा लेनी शुरू कर दी है. सभी क्षत्रपों ने अपने-अपने खेमे के पत्रकारों को चोरी-चुपके बुलाकर अपना काम शुरू कर दिया है. लंबे समय से यूपी का मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए कलराज मिश्र ने उत्तर प्रदेश में राजनाथ सिंह के समर्थकों को महत्व मिलता देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ही अभियान को हवा देनी शुरू कर दी है. नोटबंदी को लेकर चुनिंदा पत्रकारों से मिलकर श्री मिश्रा लघु उद्योगों एवं छोटे व्यापारियों को होने वाली परेशानी को आधार बनाकर खबरें प्रकाशित करवाने की गुजारिश कर ही रहे थे कि कुछ बाहरी पत्रकार भी पहुंच गए, जिसके बाद उन्होंने अपना लाइन बदल दिया.
गुरुवार को परिवर्तन रथयात्रा पर चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र भाजपा मुख्यालय पहुंचे थे. इसकी भनक किसी पत्रकार को नहीं लगने दी गई. कलराज के चेले प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक के शार्गिद और भाजपा के मीडिया सह प्रभारी मनीष दीक्षित ने अपने खेमे के कुछ चुनिंदा पत्रकारों को फोन से सूचना देकर भाजपा मुख्यालय बुलाया, जिसमें नवभारत टाइम्स के प्रेम शंकर मिश्र, अमर उजाला के राजेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सहारा के कमल तिवारी तथा एक न्यूज एजेंसी के विद्याशंकर राय शामिल थे. मनीष दीक्षित ने इस मामले में पूरी गोपनीयता बरती थी. उन्होंने दैनिक जागरण और हिंदुस्तान अखबार के पत्रकारों को भी इसकी सूचना नहीं होने दी. कलराज मिश्र बंद कमरे में अनौपचारिक बातचीत में नोटबंदी के फैसले को गलत साबित करने में जुटे हुए थे.
इसी बीच एकाध और पत्रकारों को इसकी भनक लग गई और वह मौके पर पहुंच गए. जब वे पहुंचे तो कलराज मिश्र अपने चुनिंदा पत्रकारों से मोदी के नोट बंदी के फैसले से लघु उद्योगों और छोटे व्यापारियों पर असर पड़ने जैसी बात कर रहे थे, लेकिन दूसरे लोगों के पहुंचने के बाद उन्होंने मोदी का गुणगान शुरू कर दिया. दरअसल, कई सालों से यूपी का सीएम होने का सपना देख रहे कलराज मिश्र की जगह अब उत्तर प्रदेश में उनके राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले राजनाथ सिंह के खास लोगों को महत्व मिलना शुरू हो चुका है. राजनाथ सिंह के करीबी हृदय नारायण दीक्षित को मुख्य प्रवक्ता बनाया गया तो उनके एक और नजदीकी अशोक तिवारी को भी प्रमुखता देकर पिछड़ा एवं अन्य वर्ग का संगठन मंत्री बना दिया गया.
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि अधिक उम्र के कारण कलराज मिश्रा को यूपी चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर कर कहीं का राज्यपाल बना दिया जाएगा. मोदी बस यूपी चुनाव का इंतजार कर रहे हैं. मोदी नजमा हेपत्तुला समेत कई उम्रदराज लोगों को मोदी मंत्रिमंडल से बाहर कर राज्यपाल बना चुके हैं. अब अपनी संभावनाओं को बिगड़ते देख कलराज मिश्र उत्तर प्रदेश में भाजपा का खेल खराब करने की तैयारी में जुट गए हैं. वह राजनाथ सिंह या उनकी टीम के किसी सदस्य को यूपी सीएम बनता नहीं देखना चाहते हैं. इसलिए नोटबंदी के बहाने मोदी पर निशाना साध रहे हैं ताकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की हवा खराब हो, इसके लिए वह और उनकी टीम अपने विश्वासी पत्रकारों पर भरोसा जता रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को चुनिंदा पत्रकारों को बुलाकर मनीष दीक्षित ने उन्हें भीतर की सूचनाएं उपलब्ध कराईं ताकि वह दो-चार दिन बाद उसका इस्तेमाल कर सकें. दैनिक जागरण और हिंदुस्तान के रिपोर्टरों को इसलिए नहीं बुलाया कि वे इस समय भाजपा या राजनाथ सिंह के खिलाफ लिखने की स्थिति में नहीं हैं, और कलराज की टीम की गुड लिस्ट में भी नहीं हैं.