जो काशी पत्रकार संघ कभी पत्रकारिता की दशा और दिशा तय करता था, उसमें इन दिनों कुछ न कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पत्रकारों के वेतन भत्ते और एरियर से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई से तो ये संघ हमेशा से दूर रहा है, अब वरिष्ठ पत्रकार शुभाकर दुबे जी ने एक मार्मिक एफबी पोस्ट किया है जिससे साफ़ पता चलता है कि काशी पत्रकार संघ में बहुत कुछ नष्ट होते जा रहा है।
शुभाकर दुबे जी ने लिखा है- ”मैं कुछ नहीं बोलूंगा, बोलते ही मुझे उसी तरह निकाल दिया जाएगा जैसे पत्रकारपुरम से निकाल दिया गया।” शुभाकर जी अपनी एफबी पोस्ट में आगे लिखते हैं- ”पत्रकारपुरम से निकाले जाने के बाद मैं दाने दाने को मोहताज हो गया। किसी तरह जिंदगी गुजर बसर कर रहा हूँ। अब अगर पत्रकार संघ से निकाल दिया गया तो मुझे आप शीतला घाट पर अलमुनियम का कटोरा लेकर बैठे देखेंगे।”
इस पोस्ट से इतना तो संकेत मिल गया है कि पत्रकार संघ के अंदरखाने कई चीजों गड़बड़ हो चुकी हैं जिसे ठीक किए जाने की जरूरत है. शुभाकर दुबे जी के बारे में आपको बता दूं कि वे वाराणसी के आज समाचार पत्र के खेल पेज इंचार्ज और सिटी पेज इंचार्ज रह चुके हैं। गले में कैंसर हुआ तो आवाज चली गयी। हर चीज लिखकर देते हैं और सांकेतिक भाषा में काम करते हैं। काशी पत्रकार संघ के वे मानद सदस्य हैं। इस जुझारू पत्रकार शुभाकर जी का काशी की पत्रकारिता में काफी सम्मान है। इनके एफबी पोस्ट से हड़कम्प मच गया है।
सूत्रों का दावा है कि काशी पत्रकार संघ में कुछ वरिष्ठ पत्रकारों की सदस्यता ख़त्म करने की योजना बनायी जा रही है। काशी पत्रकार संघ में दो गुट हैं। एक गुट है वर्तमान अध्यक्ष सुभाष सिंह का जो आज अखबार से रिटायर हो चुके हैं। इसी गुट में गांडीव से रिटायर डॉक्टर अत्रि भारद्वाज महामंत्री हैं। सुभाष सिंह और डॉक्टर अत्रि भारद्वाज को बिना विश्वास में लिए संघ के कुछ पदाधिकारी बीबी यादव गुट के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में हैं। सारा बवाल इसी वजह से हुआ है। सूत्र बताते हैं कि बीबी यादव गुट चाहता था कि मरहूम फोटोग्राफर मंसूर आलम के परिवार के सदस्यों को काशी पत्रकार संघ सरकार से मदद दिलाये लेकिन काशी पत्रकार संघ के कुछ पदाधिकारी इस मामले पर चुप हैं।
चर्चा है कि इन दिनों पत्रकार संघ में एक कॉकस सक्रिय है जिसका काम लाइजनिंग कर अपना हित साधना है। पदाधिकारी भी इनके दबाव में रहस्यमय कारणों से रहते हैं। जो इनकी हां में हां मिलायेगा वह ठीक। जिसने नाइत्तफाकी की, उसके खिलाफ घिनौने स्तर तक जाकर मुहिम चलाने लगते हैं। काशी पत्रकार संघ ने अब तक इतना गंदा वक्त नहीं देखा। फिलहाल हम तो यही चाहेंगे कि काशी पत्रकार संघ में सब कुछ ठीक रहे।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
मुंबई
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