श्रीगंगानगर। दैनिक भास्कर श्रीगंगानगर के शाखा प्रबंधक उमेश बंसल पर श्रीगंगानगर की अदालत ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस्तगासा जरिये मुकदमा करने के यह आदेश कोर्ट ने सदर पुलिस को दिये हैं। मिली जानकारी के अनुसार मनोज कुमार ने इस्तगासे में बताया कि वह क्रिएशन फर्म के नाम से अपना कारोबार करता है। उसका मुख्य व्यवसाय धार्मिक पर्वों व उत्सवों पर विशेषांक प्रकाशित कर वितरित करना है।
6 नवम्बर गुरुनानक जयंती पर भी उन्होंने गुरुनानक देव जी की जीवनी से सम्बन्धित कुछ सामग्री एकत्रित कर जयपुर में पन्ने मुद्रित करवाये थे। वहां से यह पन्ने मुद्रित हो गए और जयपुर वालों ने इसे बण्डल बांधकर गंगानगर भेज दिया। यह सामग्री चंद्रा कार्गो सर्विस के जरिये मंगवाई गई, जिसकी बिल्टी 5 नवम्बर को जारी हुई। बिल्टी नं. 597976 पर मनोज कुमार नाम भी अंकित है। इस्तगासे में बताया गया कि इस बण्डल में 3 हजार पन्ने सील बंद हालत में गंगानगर पहुंचे।
चंद्रा कार्गो वालों ने इस बंडल को भूलवश यहां सूरतगढ़ रोड स्थित मारूति मंगल प्लाजा में भिजवा दिया। चूंकि बिल्टी पर केयर ऑफ मारूति मंगल प्लाजा में संचालित एक संस्थान का पता दिया हुआ था। इस्तगासा में मनोज कुमार ने बताया कि 6 नवम्बर को दोपहर करीब डेढ़ बजे जब वह बण्डल लेने चन्द्रा के कार्यालय मीरा चौक पहुंचा तो वहां से पता लगा कि भूलवश यह बण्डल मारूति मंगल प्लाजा परिसर में पहुंच गया। जिस पर मनोज कुमार अपने साथ रवि कुमार और सुरेन्द्र कुमार को लेकर मारूति मण्डल प्लाजा परिसर स्थित संस्थान में पहुंचा।
मनोज कुमार के अनुसार वहां संस्थान का मैनेजर उमेश कुमार बंसल मिला। बंसल से जब इस बण्डल के बारे पूछा गया तो उसने बण्डल होने से साफ मना कर दिया। जब मनोज कुमार ने बिल्टी दिखाते हुए यह बण्डल देने की गुहार की तो उमेश बंसल उखड़ गया और मनोज व उसके साथ गए लोगों से झगड़े पर उतारू हो गया। आरोप है कि उमेश बंसल ने इस दौरान मनोज कुमार व उसके साथ गए अन्य लोगों से अभद्र व्यवहार किया। बाद में मनोज कुमार वापस मीरा चौक चन्द्रा कार्यालय पहुंचा और वहां से चन्द्रा का एक कर्मचारी लेकर फिर उमेश बंसल के पास मारूति मंगल प्लाजा गया, लेकिन तब भी उमेश बंसल ने बात नहीं सुनी और इस तरह का बण्डल होने से स्पष्ट मना कर दिया।
मनोज कुमार ने फिर से बण्डल देने की गुहार की, लेकिन वह नहीं माना। तब तक रात के करीब साढ़े 9 बजे गए थे। मनोज के अनुसार बाद में मजबूरन उसे मीरा चौका स्थित चौकी प्रभारी की सहायता लेनी पड़ी। तब जाकर आना-कानी करते हुए उसे यह बण्डल दिया। इस्तगासे में मनोज कुमार ने बताया कि जब उसे बण्डल मिला, तब रात के करीब 10.30 का समय हो चुका था। बण्डल की सील खुली हुई थी और उसमें से 700 प्रतियां गायब थीं। मनोज कुमार का कहना है कि यह 700 प्रतियां उमेश बंसल ने गायब की हैं, जिससे मनोज कुमार को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। मनोज कुमार ने बताया कि 6 नवम्बर गुरुनानक जयंती के उपलक्ष्य में इस सामग्री का वितरण भी किया जाना था। इसका भी आर्थिक नुकसान उसे भुगतना पड़ा। जबकि मनोज कुमार ने जयपुर, जहां से यह सामग्री प्रकाशित करवाई है, उसका अग्रिम भुगतान कर दिया था। अदालत ने सदर थाना पुलिस को उमेश बंसल के खिलाफ भादस 379, 427, 418 में इस्तगासा प्रस्तुत कर धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
मनोज कुमार ने दैनिक भास्कर श्रीगंगानगर में 7 साल तक विज्ञापन डिजाईनर के पद पर कार्य किया। मई माह में मीजीठिया नहीं लेने के बॉण्ड पर साईन नहीं करने पर उन्हें उमेश बंसल द्वारा ट्रांसफर की धमकी दी गई। 9 जून को जयपुर सीओओ ने जोधपुर बुलाकर उनसे साईन करवा लिए कि न तो आप का ट्रांसफर किया जाएगा और न ही आप को परेशान किया जाएगा। साईन करवाने के बाद 28 जुलाई को उनका बांसवाडा ट्रांसफर कर दिया गया। इस पर मनोज कुमार ने इस्तीफा दे दिया। उमेश बंसल शुरू से ही मनोज से रंजिश रखता था, इस कारण उसे मौका मिलते ही उसने बण्डल रोक कर नुकसान पहुंचाया।