प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरियाणा के कैथल में आयोजित भव्य कार्यक्रम में पत्रकारों के साथ बहुत बुरा हुआ। पत्रकारों के लिए काहे की रैली, न मिला खाने को न पीने को नसीब हुआ पानी। ऊपर से बंधक बनकर रहना पड़ा सो अलग। एक पत्रकार से पुलिस वालों ने सुरक्षा के नाम पर काली टी शर्ट उतरवा दी। मौके पर दूसरी टी शर्ट मंगवाई तब जाकर काम एंट्री दी।
यहां तक कि पत्रकारों के पास गरमी से बचने तक की सही व्यवस्था नहीं थी। कई पत्रकारों को तो रग्मी के कारण चक्कर आ गए। उपर से सिक्योरिटी का डर कि एक बार पत्रकार उनके लिए बांधी गई उंची मचान पर बैठ गए तो बैठ गए, कार्यक्रम समाप्ति से पहले उतर नहीं सकते थे। पीने के लिए पानी भी गरम था।
भास्कर के स्थानीय ब्यूरो चीफ नरेश भारद्वाज को ये कह कर पीएम वीज़िटिंग कार्ड देने से मना कर दिया कि उनके खिलाफ कई साल पहले मामला दर्ज हुआ था, जिसका आज भी निपटारा नहीं हुआ। जबकि नरेश ने कोई गुनाह नहीं किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला उनकी एक खबर छापने से नाराज थे। पूरी पावर का इस्तेमाल कर नरेश के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। और उन्हे गिरफ़्तार ऐसे कराया जैसे वो आतंकवादी हों।
चूंकि प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का ये हरियाणा का पहला दौरा था और फिर वो हरियाणा के कैथल से लेकर राजस्थान बार्डर तक के फोर लेन का उदघाटन करने आए थे, तो स्वाभाविक था हरियाणा, चंडीगढ और दिल्ली तक के खूब पत्रकार वहां पहुंचे थे।
सख्त सुरक्षा के चलते भरी गरमी में पत्रकारों को एक मचान बांधकर उस पर बिठा दिया। भाजपा वालों ने पत्रकारों के लिए जलपान के गिनकर 200 पैकट मंगवाए थे लेकिन पत्रकार पहुंच गए पांच सौ। अब एक एक समोसा पांच के हिस्से कहां तक बंटे।
बाकी छोड़ो गरमी में पानी तो अहम जरूरत है। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने पत्रकारों को पानी तक न पूछा। पत्रकार रो पड़े कि कब मोदी जाए और हम कारागार से मुक्त हों।
फोकस हरियाणा के सतविन्द्र को पुलिस ने काली टी शर्ट डाले देखा तो गेट पर रोक लिया। कहा कि काला वस्त्र पहनकर जाने पर रोक सब पर बराबर है चाहे पत्रकार क्यों न हो। अभी टी शर्ट उतारो। तुरंत दूसरी टी शर्ट मंगवाई गई तब एंट्री मिली। शुक्र है एक जानकार कार में जाकर जल्द से पास के अपने घर से दूसरी शर्ट ले आया।
बात यहीं तक नहीं रूकी। रैली के तुरंत बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पत्रकार उनका दुखड़ा सुनकर जाएं क्योकि मोदी ने अपनी रैली में उनका अपमान किया है। भाजपा ने भीड़ में मुख्यमंत्री के खिलाफ हूटिंग कराई और मोदी ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया तब बेचारे पत्रकारों को लंबा चौड़ा रोना सुनना पड़ा। वैसे यही हरियाणा के सीएम अपने खास दिनों में आसानी से प्रेस कान्फेंस करने को राजी नहीं होते थे।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।