इनामी बदमाश और पुलिस का भगोड़ा मोदी राज में बन गया न्यूज चैनल का डायरेक्टर!

Share the news

माननीय प्रधानमंत्री जी,  आपसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूं. कुछ बताना भी चाहता हूं. सवाल ये है कि एक पत्रकार और प्रबंधन में सूचना प्रसारण मंत्रालय कितना भेदभाव करता है? क्या आपको इसकी जानकारी है? मैं जानता हूं कि आपको नहीं होगी, क्योंकि आपने इस मंत्रालय को गंभीरता से लिया ही नहीं… यही वजह है कि केंद्र कि ये पहली सरकार है जिसने सूचना प्रसारण मंत्रालय को फुल टाइम मंत्री तक नहीं दिया है…

आपको पता है एक पत्रकार जब प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो यानि पीआईबी की मान्यता लेने के लिए आवेदन करता है तो उसकी महीनों पुलिस जांच होती है… मसलन दिल्ली में जहां वो रहता है, उस थाने से पुलिस की रिपोर्ट ली जाती है… पत्रकार स्थाई रूप से जहां का निवासी है, वहां से पुलिस की रिपोर्ट मंगाई जाती है… मतलब एक कठिन प्रक्रिया से गुजरने के बाद पत्रकार को पीआईबी की मान्यता मिल पाती है… लेकिन प्रधानमंत्री जी, चैनल का डायरेक्टर बनने के लिए आपका मंत्रालय आंख मूंद लेता है… सारे नियम कायदे कीमती गिफ्ट के नीचे दब कर दम तोड़ देते हैं… इस मामले की पूरी जांच हो तो कई ऐसे मामले खुलेंगे…

एक मसले की जानकारी मैं आपको देता हूं….

मध्यप्रदेश में आपकी ही पार्टी यानि बीजेपी की सरकार है… वहां ग्वालियर की पुलिस ने एक घपलेबाज को ईनामी बदमाश घोषित कर रखा है… यानि इसकी खोज खबर देने वाले को पुलिस की ओर से 2000 रुपये का ईनाम दिया जाएगा…. इस आदमी पर अन्य तमाम गंभीर धाराओं के अलावा धोखाधड़ी यानि 420 का अपराध भी पंजीकृत है… ये अलग बात है कि एमपी की पुलिस इसे गिरफ्तार करना ही नहीं चाहती? वरना वो अब तक गिरफ्तार कर चुकी होती… बहरहाल पुलिस से बचने और उस पर रौब गांठने के लिए इस ईनामी बदमाश ने किसी की सलाह पर दिल्ली में एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल खरीद लिया…. अब ये पैसे और चैनल की आड़ में सरकार को फिरंगी की तरह नचा रहा है….

मोदी जी! हैरानी की बात तो ये है कि जिस कांग्रेस को आप पानी पी-पी कर भ्रष्ट बताते रहे हैं, उस कांग्रेस की सरकार ने इस ईनामी बदमाश को चैनल का डायरेक्टर बनने नहीं दिया… फाइल सालों से इधर उधर घूमती रही… लेकिन किसी मनमोहन की सरकार में कोई इसे डायरेक्टर बनाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया… पर आपकी यानि बीजेपी की सरकार बनते ही ये अपराधी-भगोड़ा एक राष्ट्रीय चैनल का डायरेक्टर बन गया… चैनल का डायरेक्टर बनने के पीछे क्या डील हुई? ये तो जांच का विषय है… लेकिन कहा ये जा रहा है कि जिस शहर का ये रहने वाला है, पहले सूचना प्रसारण मंत्रालय जिस मंत्री के पास था, वो भी उसी शहर के निवासी रहे हैं… वैसे हो सकता है कि मंत्री को पता भी न हो और नीचे के अफसरों ने पूरा खेल कर दिया हो…

बहरहाल ये तो जांच का विषय है, लेकिन जब सरकार के मंत्री मीडिया को जिम्मेदार बनने की नसीहत देते हैं, तब मन में एक ही सवाल उठता है कि क्या मंत्रियों को शर्म नहीं आती? मैं फिर आपको बताना चाहता हूं कि बहुत जरूरी है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय को फुल टाइम मंत्री दिया जाए, जिससे कोई अपराधी, भगोडा अय्याश किसी राष्ट्रीय चैनल का डायरेक्टर ना बन पाए…. उसकी सही जगह जहां उसे रहना चाहिए यानि जेलने का इंतजाम किया जाना चाहिए….

लेखक महेंद्र श्रीवास्तव कई न्यूज चैनलों और अखबारों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं. महेंद्र अपना परिचय अपने ब्लाग पर खुद इस प्रकार लिखे हुए हैं- ”सच तो ये है कि लोगों के बारे में लिखते-लिखते खुद को भूल गया हूं। वैसे मैं पत्रकार हूं। करीब 15 साल तक हिंदी के तमाम राष्ट्रीय समाचार पत्रों में काम करने करने के बाद अब दिल्ली पहुंच चुका हूं। यहां मैं न्यूज चैनल से पिछले सात साल से जुड़ा हूं। वैसे मैं यूपी के मिर्जापुर का निवासी हूं, लिहाजा मेरी शुरुआती पढ़ाई यहीं हुई, बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और कानून की पढाई पूरी की। इसके बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री हासिल करने के बाद मीडिया से जुड़ गया। मीडिया से जुडे़ होने के कारण मुझे सत्ता के नुमाइंदों को काफी करीब से देखने का मौका मिलता है। यहां देखता हूं कि हमाम में सब……यानि एक से हैं। इसके साथ ही मीडिया से जुड़े होने की वजह से यहां के भी तमाम ऐसे अनुभव होते है जो मुझे लगता है कि आप तक पहुंचने चाहिए। इसी सच को मैं शब्दों में ढालने की कोशिश करता रहूंगा।” 



भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849



Comments on “इनामी बदमाश और पुलिस का भगोड़ा मोदी राज में बन गया न्यूज चैनल का डायरेक्टर!

  • कहीं ऐसा तो नहीं कि वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके महेंद्र श्रीवास्तव व तथाकथित इनामी बदमाश और पुलिस के भगोड़े में कोई विशेष अंतर न हो| आज केवल पार्टी बाजी में दोनों का स्वरूप ही बदल चुका हो| मोदी जी का नाम लिखने में कोई झिझक नहीं पर खुद को ही भुला कर नालायक पत्रकार वरिष्ठ डायरेक्टर का नाम लिखना भूल गया है|

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *