नेशनल वॉइस चैनल के कर्मचारी आज के समय बहुत परेशान हैं। इन्हें 4 महीनों से पैसा नहीं मिला है।प्रत्येक दिन आज दे देंगे कल दे देंगे बस झूठा वादा मिलता गया। दीवाली छठ जैसे त्योहार में दूसरे चैनलों में बोनस ओर मिठाई गिफ्ट मिला लेकिन हम यहां पर धरने पर बैठे रहे। लोग मालिकों से आत्महत्या करने की बात कर रहे थे कि पैसा दे दो नहीं तो आत्महत्या कर लेंगे।
हमने नोएडा dm को भी फ़ोन करा जो कि उन्होंने उठाया नहीं। इस बीच चैनल बंद कर दिया गया। किसी स्टाफ का ना फ़ोन रिसीव ना मैसेज का रिप्लाई। फिर हमें मार्केट से खबर मिली कि चैनल बिक गया है। फिर कुछ स्टाफ वहां गए पता करने को और सामान देखने को तो मालिक ने गेट बंद करवा दिया गार्ड से। वहां सभी गुस्से में थे। कुछ स्टाफ ने वहां से सामान सिस्टम उठा लिया जो कि मजबूरी था। कब तक एक अनजान शहर में किस प्रकार गुजर-बसर करें। किराया भाड़ा देना होता है। ये मजबूरी समझ नही रहे थे तो गुस्से में क्रांतिकारी कदम उठा लिया स्टाफ ने।
अब अलग से हम पत्रकारों पर केस दर्ज करा दिया गया है। गार्ड से मारपीट का आरोप भी लगाया गया है जो कि गलत है। गार्ड हमारे बाप समान हैं उम्र में।
जिनका थाने में नाम दिया गया है-
विकाश शर्मा HR
रौशन कुमार इनपुट
नीतीश कुमार आउटपुट
शुभम गुप्ता दिल्ली रिपोर्टर
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।