छत्तीसगढ़ में एक पत्रकार नीलेश शर्मा को व्यंग्य लिखने के आरोप में पुलिस ने उठा लिया है। उन्हें जेल भेज दिया गया है। स्वतंत्र पत्रकार नीलेश शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने राज्य की कांग्रेस पार्टी की प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ व्यंग्य लिखने का दुस्साहस कर दिया है।
अब जब उन्हें व्यंग्य लिखने के आरोप में जेल भेजे ही दिया गया है तो कई लोग दबे चुपके से सवाल उठा रहे हैं कि क्या मोहब्बत की कथित दुकान चलाने वालों के राज में व्यंग्य लिखना भी अपराध हो गया है?
दबे चुपके से इसलिए क्योंकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ज़ोर ज़ोर से लिखने पढ़ने और आवाज़ उठाने पर सीधे बुलडोज़र चला कर नींव तक खोद देती है और वन्य जीव अधिनियम से लेकर ड्रग्स तक के मुक़दमे लगा अंतहीन समय तक के लिए जेल भेज देती है। सच लिखने पढ़ने वालों की नौकरियाँ खाने के भी कई उदाहरण है।
वैसे आज सुबह से चर्चा छत्तीसगढ़ में पुलिस द्वारा चार पत्रकारों को उठाये जाने की है। बताया जा रहा है कि मनोज पांडे नाम के एक पत्रकार को एक्सटॉर्शन केस में पकड़ा गया पर वो 10 दिन पहले की बात है। एक अन्य टीवी पत्रकार को भी पकड़ा गया, जिस पर आरोप है कि उसने पत्रकारिता करते करते बड़ा सा घर बना लिया है। इन घटनाओं के ज्यादा डिटेल नहीं मिल पाए हैं।
ज्ञात हो कि स्वतंत्र पत्रकार और व्यंग्यकार नीलेश शर्मा को एक बार पहले भी व्यंग्य लिखने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है… उस वक़्त के कुछ स्क्रीनशॉट देखें-
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