यशवंत-
पत्रकार सुनील नामदेव को फ़र्ज़ी ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार करने वाली छत्तीसगढ़ पुलिस ने कई दिन बीत जाने के बाद अभी तक उनकी पत्नी को एफआईआर की कॉपी नहीं दी है। इसी से समझा जा सकता है कि राज्य सरकार के इशारे पर छत्तीसगढ़ पुलिस किस तरह बदले की भावना से काम कर रही है।
सरकार बुलडोज़र से इस पत्रकार का घर पहले ही तोड़ चुकी है।
मोहब्बत की यात्रा करने वाले और उनके समर्थक इस सब पर ख़ामोश हैं। कहीं से कोई हलचल नहीं।
सुनील की पत्नी कल थाने में एफआईआर माँगने गईं थीं, उन्हें भगा दिया गया। एक अकेली महिला पर सारी ज़िम्मेदारी है। एफआईआर की कॉपी न मिलने से सुनील को लीगल हेल्प नहीं मिल पा रही है।
सुनील नामदेव को रायपुर की बजाय बिलासपुर जेल में डाल दिया गया है। अब उनसे परिजनों और वकीलों की उनसे मुलाक़ात मुश्किल कर दी गई है।