Narendra Nath : कासगंज में दंगा हुआ। इसमें एक हिन्दु युवक की मौत हुई। दूसरा मुस्लिम युवक गोली लगने के बाद गंभीर रूप से घायल है। दंगा दु:खद है। रोका जा सकता था। लेकिन दंगा सामने आते ही कुछ लोग मौका-मौका देखते उतर गये। एक दंगा को सौ दंगा में बदलने की ख्वाहिशों के साथ कुछ मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक यह प्रचार करने लगे कि चूंकि हिंदु युवक ने तिरंगा हाथ में रखा थ, इसीलिए उसे मार दिया गया। लेकिन हमारे कुछ मित्रों ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाह-नफरत से हटकर जमीनी हकीकत लोगों के सामने रखी। सब तथ्यों, सबूतों और लोकल अधिकारियों के ऑन रिकार्ड बयानों से।
इसमें ही एबीपी न्यूज के शानदार रिपोर्टर Pankaj Jha भी थे। उन्होंने बताया कि किस तरह तिरंगा यात्रा की परमीशन डीएम ने नहीं दी थी। दूसरे मित्र Abhisar Sharma ने सबूतों के साथ दिखाया कि तिरंगा कोई मुद्दा नहीं था। जिस जगह दंगे की शुरुआत हुई वहां पहले से मुस्लिम जुटकर गणतंत्र दिवस मना रहे थे। पिछले साल भी मनाया था। इसका वीडियो उन्होंने रखा। जाहिर है कि तिरंगा या गणतंत्र दिवस को लेकर विरोध नहीं था। अब आगे की बात देखये। पंकज झा को सच सामने लाने पर धमकी दी जा रही है। उनके घर-बच्चे को तबाह करने की धमकी दी जा रही है। देश-विदेश से कॉल किये जा रहे हैं।
अभिसार जी के लिए तरह-तरह के झूठ फैलाए जा रहे हैं। जबकि खुद अब प्रशासन वही सारी बात कह रहा है जो ये दोनों कह रहे थे। यह विशुद्ध रूप से गुंडागर्दी, नफरत और दंगा का मामला था। और कुछ नहीं। तिरंगा वाला मामला भी नहीं। यह बातआज खुद कासगंज के डीएम ने इंटरव्यू में कही।
जिस लड़के की मौत हुई है उसके पिता ने आज हमारे अखबार के रिपोर्टर से कहा कि नफरत के माहौल ने उनके बेटे की जान ले ली। चेतिये, आग मत लगाएं। उसमें अपना-अपनों का हाथ भी झुलसेगा। बधाई उन मित्रों को जो मीडिया और सोशल मीडिया पर सच लाने में सफल रहे वरना यहां तो पूरा पेट्रोल लाया जा चुका था।पंकज जी, अभिसार जी… हम सब आपके साथ हैं। हमेशा। हर परिस्थिति में। इन धमकियों, भभकियों की परवाह नहीं करें। ये अंदर से बहुत कमजोर होते हैं। पंकज झा को मिल रहे धमकी वाले काल डिटेल और उनके लैटेस्ट स्टेटस का स्क्रीनशॉट लगा रहा हूं।
पत्रकार नरेंद्र नाथ की एफबी वॉल से.