ANI की दंगा भड़काऊ पत्रकारिता… देखें वीडियो

कासगंज के पुलिस कप्तान बोले- ANI के रिपोर्टर ने मृतक के पिता से धमकी वाले शब्द कहलवाए  कासगंज : 26 जनवरी को कासगंज में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से 22 वर्षीय चन्दन गुप्ता की मौत के मामले में मृतक के पिता सुशील गुप्ता को कुछ नकाबपोश बाइक सवार बदमाशों द्वारा धमकी के मामले में नया मोड़ आ गया है.

आज तक के संपादक रोहित को इतना जहर बोने क्यों दे रहे हैं?

Sanjaya Kumar Singh : एक मशहूर टेलीविजन एंकर के बारे में Dilip Mandal की यह पोस्ट पढ़ने लायक है।

देशद्रोहियों की हत्या करने वाले सिपाही या अपराधी?

सरकार और सर्वोच्च न्यायालय को साफ करना चाहिए कि क्या कोई आम आदमी अगर देशद्रोहियों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार देता है, तो उसे देश का सिपाही माना जायेगा या अपराधी. क्योंकि अब सवाल देश की अखंडता का है. सरकार मौन है. न्यायपालिका के घर देर है. ऐसे में सवाल उठता है कि सेना में अपने बच्चे भेजने वाला किसान, मजदूर, फौजी और मध्यमवर्गीय नागरिक देश के बारे में अपमानजनक बातें क्यों बर्दाश्त करे? सरकार और न्यायपालिका की चुप्पी क्या देश के साथ विश्वासघात नहीं है? देश की अखंडता पर चोट क्यों बर्दाश्त किया जा रहा है? क्या व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नाम पर फिर से देश के विभाजन पर चर्चा होगी? ऐसे देशद्रोहियों को सीधे फांसी या गोली क्यों नहीं मारी जानी चाहिए? सवाल का जवाब चाहिए… सरकार.

कासगंज में चंदन गुप्ता को मारने वाले शूटर वसीम जावेद का सपा कनेक्शन!

अजय कुमार, लखनऊ

योगी सरकार पर भी दंगों का दाग… आम चुनाव से पूर्व फिर दंगा ‘वोट बैंक’ वाला… उत्तर प्रदेश के जिला कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और एक युवक की मौत ने पूरे प्रदेश को एक बार फिर शर्मशार कर दिया। ऐसा लगता है कि यूपी और दंगा एक-दूसरे के पूरक बन गये हैं। सरकार कोई भी हो, दंगाई कभी सियासी संरक्षण में तो अक्सर धर्म की आड़ में अपना काम करते रहते हैं। बीजेपी सरकार भी इससे अछूती नहीं रह पाई है। बीजेपी सरकार में हुए दो बड़े दंगों की कहानी तो यही कहती है। यूपी को दंगामुक्त रखने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावे तार-तार हो गये, अब योगी इस बात का दंभ नहीं भर सकेंगे कि उनका शासनकाल दंगा मुक्त है। योगी को सत्ता संभाले एक वर्ष भी नहीं हुआ है और प्रदेश दो बार बड़ी साम्प्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुका है। पिछले वर्ष सहारनपुर में पहले बाबा साहब के जन्मदिन के मौके पर उसके 15 दिनों बाद दलित-ठाकुरों के बीच हुई हिंसा और अब नये साल के पहले महीने की  26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर तिंरगा यात्रा के दौरान हुआ हिन्दू-मुस्लिम दंगा काफी कुछ इशारे करता है।

बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह ने पोस्ट डिलीट कर माफी मांग ली

बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा जिसके बाद देखते ही देखते उनकी पोस्ट वायरल हो गई. कई किस्म की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. कई लोग उनके विरोधी हो गए तो कई उनके साथ सुर में सुर मिलाते दिखे. अंतत: बरेली के डीएम को अपनी पोस्ट डिलीट करनी पड़ी और नई पोस्ट डालकर माफी मांग ली.

कासगंज प्रकरण की रिपोर्टिंग के कारण एबीपी न्यूज के पत्रकार को फोन करके डराया धमकाया जा रहा है

Aamir Rashadi Madni : कासगंज घटना की निष्पक्ष रिपोर्टिंग करके अवाम के बीच सच को उजागर करने वाले एबीपी न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार पंकज झा को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्हें देश/विदेश से फ़ोन करके डराया धमकाया जा रहा है, पाकिस्तान भेजने तक की बात की जा रही है। दूसरी तरफ़ कर्फ़्यू के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के घरों में भूख-प्यास से परेशान लोगों के बीच खाना पहुँचाने के कारण राहुल यादव, निशान्त यादव और अतुल यादव को डिटेन कर लिया गया है। प्रेम भाईचारा और मानवता की मिशाल पेश करने वाले इन लोगों को सम्मानित करने के बजाय गिरफ़्तार किया गया है।

एबीपी न्यूज के पत्रकार पंकज झा को सच सामने लाने पर धमकी दी जा रही है

Narendra Nath : कासगंज में दंगा हुआ। इसमें एक हिन्दु युवक की मौत हुई। दूसरा मुस्लिम युवक गोली लगने के बाद गंभीर रूप से घायल है। दंगा दु:खद है। रोका जा सकता था। लेकिन दंगा सामने आते ही कुछ लोग मौका-मौका देखते उतर गये। एक दंगा को सौ दंगा में बदलने की ख्वाहिशों के साथ कुछ मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक यह प्रचार करने लगे कि चूंकि हिंदु युवक ने तिरंगा हाथ में रखा थ, इसीलिए उसे मार दिया गया। लेकिन हमारे कुछ मित्रों ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाह-नफरत से हटकर जमीनी हकीकत लोगों के सामने रखी। सब तथ्यों, सबूतों और लोकल अधिकारियों के ऑन रिकार्ड बयानों से।

कासगंज : एक बंटे हुए समाज को मीडिया की एकतरफा रिपोर्टिंग ने और बांट दिया है

Abhishek Srivastava : कल रात तक अपनी समझ पर बीस परसेंट शंका थी। आज साफ हो गयी जब मृतक नौजवान चंदन के एक अनन्य मित्र ने भारी मन और भरी आंखों से बताया, “भैया, आप नहीं जानते यूपी का हाल। जब से मोदीजी ने नेतानगरी को एक फुलटाइम काम कहा है, यहां की हर गली में हर लौंडा मोदी बनने की इच्छा पाल बैठा है। कासगंज के हर मोहल्ले से एक मोदी निकल रहा है।”