‘भक्त पत्रकार’ तो होते ही हैं, ‘परम भक्त पत्रकारों’ की भी एक कैटगरी है. ये वो ‘पढ़े लिखे समझदार’ लोग हैं जो खुद को बताते पत्रकार हैं लेकिन इनका असल काम परम भक्ति का होता है. परम भक्ति के काम में ये शामिल है कि सरकार चाहें जो करे, उसे प्रोटेक्ट करने के तर्क गढ़िए तर्क खोजिए और इन कुतर्कों से जनता को बरगलाइए. राजीव रंजन झा इसी कैटगरी के हैं.
पत्रकारिता में राजीव रंजन झा कई लोग हैं इसलिए इनके बारे में बताना जरूरी है कि ये आर्थिक पत्रकार हैं, निवेश मंथन नाम से मैग्जीन-वेबसाइट चलाते हैं. पहले कुछ चैनलों में आर्थिक पत्रकार/विश्लेषक के रूप में काम किए हैं.
ये राजीव रंजन झा जी बता रहे हैं कि तेल के दाम इसलिए बढ़ाए जा रहे हैं ताकि बढ़े हुए पैसे से सोलर एनर्जी का काम कराया जा सके.
इसके पहले वे बताए थे कि तेल के दाम इसलिए बढ़ाए जा रहे क्योंकि कांग्रेसी सरकारों ने बहुत पैसा उधार लिया था, उसा भरा जा रहा है.
ऐसे परम भक्त पत्रकार से क्या तर्क-कुतर्क करना… हां, इनकी पोस्ट के कमेंट बाक्स में कुछ लोगों ने जरूर आइना दिखाया है कि जब तेल के दाम बढ़ाना इतना ही जरूरी काम था तो आजकल के तेल के दाम के आधे दाम होने पर भी कांग्रेस राज में आप लोगों की पार्टी के लोग काहें रोते बिलखते प्रदर्शन करते थे.
देखें परम भक्त पत्रकार राजीव रंजन झा की नई पुरानी दो पोस्टें-
कुछ प्रतिक्रियाएं-
Vinay Prabhakar Mishra
ऐसा है कि आपका काम है रफू करना करते रहिए. सच्चाई ये है कि ये सब बाते फालतू है. पूरा दिल्ली फ्री वैक्सीन लगने के साहब के चित्रों से भरे बड़े बड़े बैनर से अटा पड़ा है. हद तो ये है मंत्रालय के परिसर में हर दस कदम पर 10×20 फीट का इश्तिहार लगा है कि वैक्सीन फ्री में मिल रही है लगवा लो, जहां लगभग सभी लोग पढ़े लिखे ही हैं, कम से कम इसी का पैसा बचा लेते कुछ तो बच जाता. आपको पता है tractor से खेत जुताई प्रति बीघा कितना हो गया है. आप लोग बड़े लोग हैं कोई फर्क़ नहीं पड़ता लेकिन एक कम आय वाला 50 रुपये ज्यादा रोज पेट्रोल पर खर्च करता है बिना पैसा बढ़े तो सब्जी से ही ना बचाएगा. आज बचेंगे लोग तभी तो दस साल बाद देखेंगे. इस बात का सरकार और आप गारंटी लेंगे कीं अगले दस साल बाद भी पेट्रोल 100 रुपये लीटर रहेगी. अगर नहीं तो कुतर्क कर रहे हैं.
Ashok Shukla
अंधभक्तों को नही दिखेगा। ये सब करोड़पति लोग है। इनको खाली मोदी मोदी करना है।आम आदमी की हालत इन्हें क्या पता। लेकिन जब मोदी भक्ति में चूर हो तो सब हरा भरा ही दिखाई देगा। ये साबित कर देगे अगर पेट्रोल 200 में नही पहुंचा तो देश की इकोनॉमी समाप्त हो जायेगी। सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। एक फर्जी फेंकू को गद्दी पर बिठाया तो ऐसा लग रहा बंदर के हाथ में उस्तरा दे दिया गया है
Nitin Gajbhiye
SIR जी जब ऐसा है तो फिर BJP विपक्ष में थी तो पेट्रोल डीजल की कीमतों के बढ़ने पर विरोध क्यूं करती थी…
क्या ये सब विरोध प्रदर्शन बस एक नाटक भर था?
Mrinal Ashutosh
यह पोस्ट भी डीजल-पेट्रोल के पैसे से लिखा जा रहा है..
इसी मुद्दे पर राजीव रंजन झा की एक पुरानी पोस्ट देखें….
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Sheetal P Singh-
रसोई गैस के दाम में 25.50 रुपये की वृद्धि कर मोदीजी की सरकार ने जुलाई का आगाज़ किया है। दिल्ली में रसोई गैस का सिलिंडर अब 834.50रुपए का हो गया। इस तरह मोदीजी के सात बरस के कार्यकाल में रसोई गैस के दामों में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से करीब डेढ़ सौ परसेंट से भी ज्यादा की मूल्यवृद्धि हो चुकी है। खैर हमारे कानून मंत्री जी का 2012 में ऐसी ही मूल्यवृद्धि पर प्रवचन सुनिए और भक्तों को समर्पित कीजिए। देखें Video
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