पत्रकार नेहा उपाध्याय को लेकर सूचना है कि उन्होंने आज तक छोड़ दिया है. उन्होंने इस बात की जानकारी साझा करते हुए चैनल में बिताए पलों को याद किया है. उन्होंने टीवी टुडे मीडिया स्कूल में पढ़ाई से लेकर आज तक में नौकरी तक जितने भी संपादकों के साथ काम किया उनके बारे में कुछ न कुछ लिखा, कहा है.
नेहा उपाध्याय-
सुमित मिश्रा सर ने मुझे TVTMI के बाद नौकरी दिलाई. उनका मेरे लिए कितना प्यार था इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
संजय बरागटा के बारे में नेहा ने लिखा, मेरे पहले ऑफिशियल बॉस थे संजय सर. कई बार मैं रनडाउन पर होती तो सर मेरे साथ टिकर संभाल लेते. हमेशा काम की तारीफ की. जब दिल्ली आज तक के साथ उन्हें असाइनमेंट की जिम्मेदारी मिली, तभी मेरे हसबैंड की आज तक में घर वापसी हुई थी. उस इंटरव्यू में सर ने कुछ भी नहीं पूछा. उनके लिए बस इतना काफी था कि वो मेरे पति हैं.
इसके बाद मेरे बॉस बने द ग्रेट शम्स खान सर. इन्हें मैं सच में ग्रेट मानती और कहती भी हूं. आज तक में स्टूडेंट लाइफ से लेकर नौकरी तक सर ने हर सवाल को सरल किया. उनका मेरे सिर पर हमेशा हाथ रहा.
शम्स सर के बाद बारी आई संजीव पालिवाल सर की. इनसे जितना सपोर्ट मिला शायद ही कोई और बॉस किसी को दे सके. संजीव सर मेरे लिए द्रोणाचार्य हैं पर मैं अर्जुन नहीं एकलव्य हूं.
इससे पहले मैं दो बार नौकरी छोड़ने के लिए सर के पास गई थी. मेरी बेटी को मेरी जरूरत थी. उन्होंने मेरी बात सुनकर कहा, बेटी पर ध्यान दीजिए उसके लिए नौकरी क्यों छोड़नी..छुट्टी ले लीजिए जितनी लेनी हो, पर नौकरी मत छोड़ो. इस दौरान एक दूसरे चैनल से भी ऑफर आया लेकिन मैं नहीं गई. पर इस बार नौकरी वर्क फ्राम होम वाली थी. सर चाहकर भी रोक नहीं पाए.
नेहा उपाध्याय ने भड़ास4मीडिया को बताया कि उन्होंने पॉकेट एफएम में वर्क फ्राम होम काम होने की वजह से ऑफर स्वीकार कर लिया. हमारी इंडस्ट्री में कहां वर्क फ्राम होम मिलता है?
बता दें कि नेहा आज तक के मीडिया स्कूल से साल 2011 बैच की पासआउट हैं. तब से वे आज तक में ही कार्यरत हैं. हालांकि इस बीच वे कुछ माह के लिए सीएनएन भी गईं पर वापस आज तक में आ गईं. यहां वे इंटरनेशनल डिपार्टमेंट में बतौर सीनियर प्रोड्यूसर कार्यरत थीं.
आकाश चौहान-
प्यारी Neha Upadhyay ma’am
कुछ फैसलों को स्वीकार करना मुश्किल होता हैं…मेरे लिए भी मुश्किल हैं वो दो शब्द रोज़ाना सुनना…ओए हीरो कैसा हैं” पैकेज में स्लग लगा दे, मिक्स कर दे…कमिट कर देना मैं जा रही हूं बाय…हे भगवान कितना खाएगा, शर्ट का बटन टूट जाएगा आकाश…लड़के को आज तक का पानी लग गया हैं…मैं बता रहीं हूं यें लड़का Arjit Tripathi सर को भी पीछे छोड़ देगा.
एक महीने पहले से ही सबको बताएँगी “मेरा बर्थडे आ रहा हैं, अगर तुम लोगों ने कुछ अच्छा प्लान नहीं किया न तो बताऊँगी तुम्हें” मेरे लिए मुश्किल हैं ऐसे क़िस्सों को शब्दों में पिरोना…लेकिन आसान नहीं होता हैं जब दो शिफ्टो में काम करने वाले लोग चंद मिनट के लिए मिलते हैं और बहुत सारी बातें कह जाते हैं… ऐसा कोई दुख नहीं, जिसे मैंने साझा न किया हो…ऐसी कोई बातें नहीं, जिसे आपने समझा ना हो…चेहरा पढ़ने में आपको महारत हासिल है.
ग़ुस्से का जिक्र न करूं तो बेमानी होगी…(“ग़ुस्सा” वो सिर्फ काम को लेकर जो मेरे हिस्से में थोड़ा कम आया) लेकिन काम करने वालों कि हमेशा तारीफ़ करती हैं…सबको बताती भी…यें लड़का हमेशा खुश रहता हैं…तू हमेशा हंसता रहा कर अच्छा लगता हैं..फिर माथे की शिकन देख कर आप समस्या का समाधान बता जाती…ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिनसे हम सब कुछ शेयर कर जाते हैं.
हर किसी से मन की बातें कही नहीं जाती…आप उन चंद लोगों में से एक हैं जिनसे मैंने सब कुछ साझा किया हैं…बिरले होते हैं ऐसे लोग जो भीतर का दर्द झट से समझ जाते हैं…बीते दो सालों कि बहुत सारी खट्टी-मीठी यादें हमेशा मेरे ज़ेहन में तरोताज़ा रहेंगी…आपकी डाँट…आपका दुलार हमेशा मुझे याद रहने वाला हैं…भावनाओं को शब्दों में पिरोना मेरे लिए आसान नहीं है.
आपको नई पारी की शुभकामनाएं…आप जहां भी जा रही हैं ख़ुश रहे…मुझे पूरा यक़ीं हैं दफ़्तर से दूरियां बढ़ी हैं..दिलों से नहीं..और हां मेरा टिफ़िन आपके पास छूट गया हैं, प्लीज उसे सहेज कर रखिएगा क्योंकि उसे लेने की बहाने आया करूंगा… आपका “ओए हीरो”
Neha Upadhyay-
Oye Hero.. Jyada senti nahi hone ka.. Ye rishta office se aage bhi aise hi rahega.