चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा के मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) कल पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम पर पहुंची. पीड़ित परिवार की मौजूदगी में आश्रम के हॉस्टल को एसआईटी खंगाल रही है. जहां लड़की रहती थी उस कमरे को खोला गया. बाद में एसआइटी ने एसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अवनीश मिश्र, लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय बरनवाल, स्वामी चिन्मयांनद के प्रवक्ता व पांच करोड़ रंगदारी मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले अधिवक्ता ओम सिंह के अलावा छात्रावास की वार्डन झरना रस्तोगी को पूछताछ के लिए बुलाया. करीब दो घंटे तक वार्डन से वहां पूछताछ हुई. उनसे छात्रावास व छात्रा को लेकर कई सवाल पूछे गए.
छात्रा के साथ राजस्थान में मिले युवक से एसआइटी ने लंबी पूछताछ की. एसआइटी ने उससे छात्रा व स्वामी से संबंधित कई सवाल पूछे. उसने इस प्रकरण से संबंधित कई साक्ष्य एसआइटी को दिए हैं. स्वामी चिन्मयानंद से आज एसआईटी ने पूछताछ की.
उधर, पीड़िता ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उसे यूपी पुलिस पर बिलकुल विश्वास नहीं है. दो दिन बीतने के बाद भी स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया है. छात्रा ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी पर धमकाने का आरोप लगाया. छात्रा ने बताया कि पढ़ाई के साथ कार्यालय के कार्य के लिए मुझे वहीं पार्ट टाइम नौकरी दी गई. लेकिन काम का बोझ बहुत ज्यादा दिया गया ताकि वहीं रुकूं. फिर रुकने के लिए हास्टल का एक कमरा दे दिया गया.
लड़की ने कहा, “एसआईटी ने दिल्ली से शाहजहांपुर पहुंचते ही मुझसे 10-11 घंटे तक पूछताछ की, मगर मेरे द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. स्वामी चिन्मयानंद ने मेरे साथ दुष्कर्म किया. एक साल तक लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया. स्वामी के खिलाफ आरोप का मेरे पास सबूत भी है. मेरे हॉस्टल वाले कमरे को सुरक्षित रखा जाए. वक्त आने पर मैं स्वामी के खिलाफ सभी मजबूत सबूत पुलिस को सौंप दूंगी. मेरे परिवार-परिजनों को शाहजहांपुर के जिलाधिकारी धमका रहे हैं. क्योंकि उन्होंने चिन्मयानंद के खिलाफ शिकायत की है.”
पीड़िता ने कहा कि यूपी पुलिस ईमानदार होती तो उसे स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दिल्ली में नहीं करनी पड़ती. यूपी पुलिस दो दिन बाद भी स्वामी पर रेप का मामला दर्ज नहीं कर सकी है. चिन्मयानंद ने उसके जैसी सैकड़ों लड़कियों की जिंदगी-इज्जत बर्बाद की है. छात्रा ने कहा कि उसके हॉस्टल का कमरा खोलकर देखा जाए तो चिन्मयानंद के खिलाफ काफी सबूत मिल जाएंगे.
स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा ने कहा कि पर्याप्त प्रमाण होने के बाद भी यूपी पुलिस चिन्मयानंद के खिलाफ न तो मुकदमा लिख रही और न ही उन्हें गिरफ्तार कर रही है. लड़की ने यूपी पुलिस से खुद की जान का खतरा भी बताया. उसने कहा कि डीएम ने भी उसके पिता को धमकाया. इसके लिए डीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उसे निलंबित किया जाए.
छात्रा बोली- ”मैं जान बचाए इधर-उधर घूम रही थी और यहां डीएम मेरे पापा को धमकी देते हुए कह रहे थे कि देख लीजिए कि आप किसके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं. यह बात सुप्रीम कोर्ट में भी बता चुकी हूं. उत्तर प्रदेश पुलिस से जान का खतरा है इसलिए साउथ दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज करानी पड़ी. सभी साक्ष्य कॉलेज के हॉस्टल में सुरक्षित हैं. सुबूत होते हुए भी यदि न्याय नहीं मिला तो सब बेकार है.
ज्ञात हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को वीडियो वायरल कर उन पर गंभीर आरोप लगाए थे. मामला सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया. कोर्ट के आदेश पर एसआइटी पूरे प्रकरण की जांच कर रही है. छात्रा के पिता की ओर से स्वामी चिन्मयानंद पर अपहरण का मुकदमा, जबकि स्वामी के अधिवक्ता की ओर से अज्ञात के खिलाफ पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज है.
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