दैनिक भास्कर अपने यहां काम करने वालों को बेइज्जत कर निकालता है. बाकायदे फोटो छापकर और फैसला सुनाकर कार्यमुक्त करता है. ये सुविधा सिर्फ अखबार के मालिकों को ही है क्योंकि उनका खुद का अखबार है, विज्ञापन के लिए कोई पैसे तो देने नहीं है. चाहें जिस कर्मचारी की फोटो छापकर उसे गलत आदमी बताते हुए बाहर निकाल दो.
नीचे देखिए. एक आंतरिक सरकुलर है जिसमें पांच लोगों को धोखाधड़ी आदि के आरोप में कार्यमुक्ति का सूचना दी गई है, साथ ही ये लेक्चर भी कि इंटीग्रिटी व आनेस्टी के मामले में भास्कर कोई समझौता नहीं करता. यहां ये कोई पूछ ले कि आखिर छापेमारी के बाद से अचानक भास्कर का क्रांतिकारी तेवर गायब कहां हो गया… पत्रकारिता के प्रति इंटीग्रिटी व आनेस्टी कहां गई…
पर बड़े आदमी का अपराध तो अपराध होता नहीं… वो चाहें जो कर ले, उसके सौ खून माफ. छोटा आदमी अगर थोड़ा सा गलत कर दे तो उसकी फोटो छापकर उसे बेइज्जत करके बाहर निकालो… ऐसे में वह कर्मी ता उम्र एक दाग, एक आरोप लेकर जीता है… अखबार के मालिकों की इस प्रवृत्ति के खिलाफ किसी को अदालत में अपील करना चाहिए. अगर दूसरी कंपनियों अपने यहां के कर्मियों को फायर करते वक्त अखबार में फोटो डालकर सूचना नहीं निकलवातीं तो अखबार के कर्मचारियों को भी निकालते समय ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.
अगर कोई गलत है तो उसके खिलाफ एफआईआर कराआ, उसके मामले को कोर्ट में ले जाओ और फैसले का इंतजार करो… पर ये क्या कि खुद ही जज बन जाओ और दूसरे को भ्रष्टाचारी घोषित कर फोटो सहित छापकर ताउम्र के लिए बेइज्जत करते हुए निकाल दो…
सोचिए, क्या ये सही प्रथा है… यहां किसी आरोपी के गलत कार्य का बचाव नहीं किया जा रहा है… यहां केवल फैसला सुनाने की इस तालिबानी प्रथा पर सवाल खड़ा किया जा रहा है…
देखें तस्वीर के साथ निकाले जाने की सूचना…
Sonu
January 2, 2022 at 5:22 pm
ऐसे ही हाल जनतंत्र टीवी का है यहां की एच आर कर्मचारियों का पी एफ का पैसा जमा नहीं कर रही है कर्मचारियों का पैसा हड़प हजम करने में लगी है और फोन करने पर बहाने बताती है अगली बार से फोन उठाना ही बन्द कर देती है इनका व्यवहार बहुत ही खराब और लालची पन जैसा है कृपया भाईयों यहां जाने से बचें।