हरिवंश और प्रभात खबर एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं. हरिवंश के बगैर प्रभात खबर की कल्पना संभव नहीं हो पाती. लेकिन अब ऐसा हो गया है. प्रभात खबर अखबार की प्रिंटलाइन से हरिवंश का नाम गायब हो गया है. संभवतः ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि हरिवंश राज्यसभा के सदस्य हो गए हैं, नीतीश कुमार की पार्टी के सौजन्य से.
हरिवंश ने खुद को सक्रिय पत्रकारिता से दूर कर संसद का हिस्सा बन जाने का जो फैसला लिया वह प्रभात खबर के लिए कुछ अर्थों में सही है क्योंकि इससे नई पीढ़ी के लोगों को आगे बढ़ने और खुलकर फैसले लेने का मौका मिलेगा. हालांकि अंदरुनी सूत्र बताते हैं कि हरिवंश का नाम भले ही प्रिंट लाइन से हट गया हो, नीतिगत फैसले लेने में प्रबंधन हमेशा उनकी सलाह लेता रहेगा. सूत्रों के मुताबिक हरिवंश के अखबार से फौरी तौर पर हट जाने के बाद प्रभात खबर में केके गोयनका का एकछत्र राज हो गया है. इसके चलते कई लोगों को दिक्कत भी हो सकती है और कई उलटफेर भी हो सकते हैं.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.