
निर्निमेष कुमार-
प्रेस क्लब आफ इंडिया के जो भी सदस्य हैं, वो जितेंद्र सिंह को अच्छी तरह से जानते होंगे. प्रेस क्लब आफ इंडिया की असली राजा यही है. अध्यक्ष-महासचिव तो हर साल आते जाते रहते हैं, पर असली राज यही करता है, इसका आफिस सेक्रेट्री का पद स्थायी है. इसको अदृश्य बड़ी ताकतों का संरक्षण हासिल है इसलिए ये मनमाने काम करता रहता है. किसी को अपमानित कर देना, कोई भी मनमाना निर्णय ले लेना इसके लिए दाएं बाएं हाथ का खेल है.
ऐसे ही एक प्रकरण में जब जितेंद्र सिंह को सो काज नोटिस जारी हुआ तो इसने आगे से ध्यान रखने टाइप बात लिखकर अपना पिंड छुड़ाया. निवर्तमान सेक्रेट्री जनरल विनय कुमार पर आरोप है कि वे जितेंद्र सिंह को संरक्षण देते हैं. उन्होंने पत्र लिखकर जितेंद्र सिंह का गल्ती को माफ कर दिया. लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा ने पत्र लिखकर विनय कुमार पर जितेंद्र सिंह को बचाने समेत कई गंभीर आरोप लगा दिया. उमाकांत लखेड़ा ने जितेंद्र सिंह पर भी कई आरोप लगाए. पूरे प्रकरण को समझने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेजों पत्राचारों को एक एक कर पढ़ें.






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