मैं पिछले दस वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता से जुड़कर जनहित की खबरें प्रकाशित करता रहा हूं। विगत दिनों मैंने संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में जारी भ्रष्टाचार और अनियमितता की खबरों का प्रकाशन किया।
तब वहां पदस्थ उपसंचालक जगदेव रामभगत ने दुर्भावना वश अनुसूचित जाति जनजाति थाने में शिकायत कर अपराध पंजीबद्ध करने आवेदन दिया। उन्होंने ये सब साजिशन और पेशबंदी में किया।
मैंने विभाग में जारी गड़बड़ियों को उजागर किया। संचालक की अनुमति के बगैर उपसंचालक ने प्रताड़ित करने के उद्देश्य से जातिगत कानूनी मामलों में फंसाने के उद्देश्य से सीधे पुलिस थाने में शिकायत कर दिया।
शिकायत कर उसने स्वयं के भ्रष्टाचार में शामिल होने का प्रमाण दिया है। अगर उसे खबरों से कोई परेशानी थी तो वो कानूनी नोटिस भेज सकता था पर उसने जाति विशेष का लाभ लेने के उद्देश्य से शिकायत की जिसे पुलिस ने छह महीनों के जांच के बाद झूठा पाया है।
एक उपसंचालक पद पर पदस्थ उच्च शिक्षित व्यक्ति द्वारा संवैधानिक कानूनों का उल्लंघन किया गया, अपने फायदे व पत्रकार को प्रताड़ित करने के मकसद से। इसकी शिकायत राज्यपाल अनुसुइया उइके और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से मैंने की है।
राहुल गोस्वामी
पत्रकार
रायपुर, छत्तीसगढ़