पढ़ें आज प्रकाशित दैनिक भास्कर की खबर… रेल हादसे के लिए अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं… किस कारण से हुआ हादसा, ये भी नहीं पता चल सका है… मोदी राज के कुप्रबंधन की पोल खोल रही है ये खबर…

Sunil Singh baghel-
मेरी यह 1 साल पुरानी खबर बताती है कि गार्ड और ड्राइवर की कमी से जूझ रहे रेलवे में करीब 4000 ड्राइवर ऐसे हैं, जिनसे ट्रेन चलाने के बजाय दफ्तरों में फाइलें चलवाई जा रही हैं.. यह अपने अफसरों नेताओं की मेहरबानी से दफ्तरों, में जमे हुए हैं.. ज्यादातर ने कई सालों से 500 किलोमीटर ट्रेन भी नहीं चलाई..लेकिन सरकार इन्हें बिना 1 किलोमीटर ट्रेन चलवाए, सालाना करोड़ों का रनिंग एलाउंस भी बांट रही है।

जबकि दूसरी ओर इसी रेलवे में ज्यादातर गार्ड और लोको पायलट ऐसे हैं, जिनसे नियमानुसार तय 9 घंटे के बजाय, 12 से 16 घंटे तक भी.ट्रेन चलवाई जा रही है..
मैंने अपनी इस इन्वेस्टिगेटिव खबर में तब भी अंदेशा जताया था की यह लापरवाही किसी दिन बड़ी दुर्घटना का सबब बनेगी..। खबर भले ही पुरानी है, लेकिन लाशों के ढेर से उठते सवाल आज भी वही है.. प्रधानमंत्री जी लाशों के ढेर के बावजूद दिन में दो चार बार ड्रेस बदलना कोई बीमारी हो सकती है.. या फिर आपका शौक भी हो सकता है.. बेशक पूरा कीजिए.. पर जरा रेलवे के इस मिसमैनेजमेंट पर भी ध्यान दीजिए.. ताकि भविष्य में यह लापरवाही बेगुनाहों के घर में शोक का कारण बने…