पुलिस भर्ती में सिलेक्शन के नाम पर चल रही ठगी की स्टिंग और ख़बर के बाद पत्रकार राजेश साहू पर लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पूरा मामला क्या था और किस तरह राजेश ने पुलिस भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया?
राजेश साहू, दैनिक भास्कर में बतौर स्टेट रिपोर्टिंग टीम लीड पर कार्यरत हैं। भड़ास4मीडिया से हुई राजेश की पूरी बातचीत नीचे पढ़ें..
मुझे 19 जनवरी को पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी दीपेंद्र यादव ने बताया कि उनका नंबर 7080165006 वाट्सऐप पर TARGET UPP 2024 ग्रुप में जोड़ा गया। जिसने जोड़ा उसका नंबर 7390980191 था, यूजर नेम में विक्की लिखा था। विक्की ने मैसेज किया कि जिन लोगों ने पुलिस भर्ती का फॉर्म भरा है, 8 लाख लगेगा, उनका सिलेक्शन हो जाएगा। 4 लाख परीक्षा से पहले देना होगा, 4 लाख सिलेक्शन के बाद देना होगा।
दीपेंद्र ने मुझे सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर मैसेज किया। स्क्रीनशॉट और वीडियो भेजा। मैंने उसे कहा कि तुम ग्रुप में जुड़े रहो। हम इस पूरे मामले की तह तक जाएंगे। हमने 19 जनवरी को शाम 6:05 मिनट पर विक्की को फोन किया। उसे बताया कि मैं पुलिस भर्ती का अभ्यर्थी हूं, मुझे इसबार सिलेक्शन लेना है। उसने कहा कि सिलेक्शन हो जाएगा। अपना पता दुबग्गा बताया और खुद को जिला पंचायत सदस्य बताया। मैंने मिलने की बात कही तो उसने कहा कि हजरतगंज में बीजेपी दफ्तर आ जाओ।
6 मिनट बाद ही विक्की ने 6:11 बजे दोबारा फोन किया। कहा कि मैं अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में जा रहा हूं, तुम्हारा नंबर अपने भाई आशू (आशुतोष गुप्ता) को दिया हूं। वह तुमसे बात करेगा। वही सब करवाता है। आशू ने मुझे 22 जनवरी की शाम 7 बजे फोन किया। उसने पूरी बात बताई कि कैसे पुलिस भर्ती में होगा। हमने मिलने की बात कही तो उसने कहा कि कल कपूरथला में मिलो। मैं हरदोई से शाम में आ जाऊंगा। हम अपने साथी अनुराग गुप्ता और रक्षा सिंह के साथ कपूरथला पहुंच गए। वहां इंतजार किया लेकिन आशू नहीं आया। उसने फोन किया और बताया कि जाम के चलते लेट हो गया, तुमसे मैं कल गोमतीनगर में मिलूंगा। मैंने उसे कहा कि आप पॉलिटेक्निक चौराहे पर आ जाइएगा। उसने हां कर दिया।
23 जनवरी को आशू अपने एक साथी के साथ बाइक से पॉलिटिक्निक चौराहे पर आया। यहां हम पुलिस भर्ती का फर्जी फॉर्म बनाकर ले गए थे। हमारे साथ रक्षा और अनुराग थे जो कैमरों से पूरी मुलाकात को रिकॉर्ड कर रहे थे। आशू ने खुद का घर वाराणसी के सुंदरनगर में बताया। लखनऊ में IIM चौराहे के पास एल्डिको बिल्डिंग में रहने की बात कही। पिता के प्राइवेट नौकरी और खुद को हरदोई में आर्यावर्त बैंक का कर्मचारी बताया।
आशू ने बताया कि विक्की का नाम अभिजीत विसेन है। अभिजीत भइया की बड़े-बड़े नेताओं से पहचान है। वह लेखपाल भर्ती में तो 7-7 लाख रुपए में करवाए थे। पुलिस भर्ती में भी करवा देंगे। उसने अपने मोबाइल में मेरा नाम दिखाया। मेरे नाम के आगे 151P राजेश साहू लिखा था। आशू ने कहा कि 150 लोग और हैं जो लाइन पर हैं, उनका सिलेक्शन करवाना है। कईयों ने पैसा दे दिया। उसने कई बड़े नेताओं से सेटिंग की बात कही। उससे हमने करीब 30 मिनट तक बात की। उसके बाद यह बोलकर वापस आ गए कि घर पर बात करेंगे।
27 जनवरी को मुझे विक्की का फोन आया। उसने कहा कि करवाना हो तो फाइनल बताओ। मैंने कहा कि घरवाले कह रहे 4 लाख पहले नहीं देंगे, 1 लाख देंगे। विक्की ने कहा कि पैसा तो पूरा लगेगा। इसके बाद हमने कहा कि पूरा तो नहीं दे पाएंगे। हम आपको सोचकर बताते हैं। इसके बाद हमारी कोई भी बात नहीं हुई।
विक्की की डीपी में लगी फोटो और उसके वाट्सऐप पर लगने वाले स्टेटस के जरिए हमने फेसबुक पर सर्च किया तो हमें वह अभिजीत विसेन के नाम से मिले। अभिजीत राष्ट्र रक्षा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। हमने उनकी फोटो खबर में इस्तेमाल की। इसके बाद उन्होंने आपत्ति जताई। संस्थान ने उनकी फोटो को और उनके नाम को हटा दिया। अभिजीत ने इस मामले पर FIR दर्ज करवाई है।
हमारी मंशा किसी की छवि को बिगाड़ना नहीं है।
हमने न किसी के इशारे पर न ही किसी साजिश के तहत यह स्टिंग की। हमारी कोशिश थी कि पुलिस भर्ती के नाम पर हो रही इस ठगी का पर्दाफाश हो और आरोपियों को पकड़ा जाए। विक्की और आशू के आपसी कनेक्शन, जिनका नाम ले रहे हैं उनसे उनके संबंध की पड़ताल की जाए। पैसे के बदले नौकरी दिलवा रहे इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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