ग्रेटर नोएडा के बीटा दो थाने में एक एफआईआर दर्ज हुई है. इसमें डाक्टर अर्चना राणा ने अपने पति रवि राणा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने गुस्से में पर्दे टांगने वाली राड से उनके हाथ पर इतना जोर से मारा कि हाथ में फ्रैक्चर हो गया.
पीड़िता डाक्टर अर्चना कई महीने तक एफआईआर लिखाने के लिए पुलिस के चक्कर काटती रही. अब जाकर एफआईआर दर्ज करने की औपचारिकता पूरी की गई है. पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने जान से मारने की कोशिश की धारा नहीं लगाया है.
पीड़िता डाक्टर अर्चना राणा ने जानकारी दी कि पति ने हाथ तोड़ने के बाद अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया और जब उनका इलाज चल रहा था तो मनमाफिक बाथरूम में गिरकर चोटिल होने की मेडिकल रिपोर्ट बनवा ली. अर्चना के हाथ में 45 टांके लगे. फ्रैक्चर इस कदर हुआ कि उनके हाथ को नार्मल करने के लिए डाक्टरों को हड्डियों के सपोर्ट हेतु रॉड डालना पड़ा. पति के पागलपन के दौरे के कारण डाक्टर अर्चना आंशिक रूप से विकलांग हो चुकी हैं.
पीड़िता का आरोप है कि उसके ससुर, सास और पति ने दो मासूम बच्चों के साथ उसे घर से बेदखल कर दिया है और अब उस घर को भी बेच दिया है जिसके मालिकाना हक में उसका नाम है.
डाक्टर अर्चना राणा का कहना है कि उनके पति को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है लेकिन वो अब भी सरकारी अफसर के रुतबे का इस्तेमाल कर पुलिस को अपने हिसाब से प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. यही कारण है कि हाथ तोड़ने वाले शख्स के खिलाफ एफआईआर लिखे जाने में पुलिस को कई महीने लग गए.
थाना बीटा दो ग्रेटर नोएडा में प्रदीप राणा, रवि राणा, प्रीति राणा के खिलाफ 17 फरवरी को अर्चना राणा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. एफआईआर नंबर 84/2021 है.
अर्चना का आरोप है कि एफआईआर लिखे जाने के बाद उनके ससुराली जन झूठी बातों की पूरी लिस्ट तैयार कर चरित्रहनन की कोशिश कर रहे हैं. बिना सुबूत बेसिर पैर की बातें कोर्ट में टिकेंगी नहीं. असली फैसला कोर्ट से आएगा तब पता चल जाएगा कि सच्चाई के साथ कौन है और झूठा प्रोपेगंडा कौन कर रहा है.
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