के. सत्येंद्र-
गोरखपुर : जनाब यदि आप सही हैं तो रिकॉर्डिंग से क्यों डरते हैं। ऐसा तो वही करते हैं जिन्हें अपने कर्मकांड खुलने का डर सताता रहता है। साहब को गुस्सा आने की असल वजह तो कुछ और ही थी।
वजह यह थी कि साहब के जिम्मे स्टाम्प विभाग आता है और स्टांप वेंडरों द्वारा स्टाम्प बिक्री में किए जा रहे खेल और घालमेल की शिकायत हमने जिलाधिकारी और जज साहब से लगभग डेढ़ महीना पहले कर दी थी। और तो और इस संबंध में मांगे जाने पर हम ने साक्ष्य के तौर पर जांच के लिए वीडियो भी उपलब्ध करा दिया था।
लगता है साहब इस बात का बुरा मान गए। यह आपको किसने बताया कि जो आपके ग्राहय करने योग्य है वही कानून है। कानून आपके घर में और आपकी मर्जी से नहीं बनता। मीडिया का काम आप जैसों के बीन पर नागिन डांस करना नहीं है और कॉल रिकॉर्डिंग को खबर बनाकर चलाने को यदि आप बदतमीजी कहते हैं तो आज से आप यह जान ले की रिकॉर्डिंग को हमारे विधि व्यवस्था में जायज करार दिया गया है।
हमारी विधि व्यवस्था में इसे एविडेन्स एक्ट के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के तौर पर स्थान दिया गया है। आप अपने ज्ञान की कमंडल अपने पास ही रखें और उससे पानी उन्ही को पिलाएं जो आपके यहां दलाली करते हैं और चाय पीने आते हैं। रही आपको फोन करने की बात तो हम आपको फोन जरूर करेंगे, यदि आप नही उठाएंगे तो नंबर बदलकर कर करेंगे क्योंकि बतौर पत्रकार और बतौर नागरिक मुझे आप से सवाल पूछने का अधिकार है और उसका जवाब देना आपका कर्तव्य है। याद रखिये की आप जनता के सेवक हैं मालिक नहीं।
आडियो रिकार्डिंग सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- audio