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मजीठिया मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उठाया अब तक का सबसे सख्त कदम, अब भी है आपके पास मौका

पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले में उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को हुई सुनवाई में काफी सख्त रवैया अपनाते हुए यह कहा कि जिन राज्यों ने अभी तक मजीठिया मामले में अपनी कार्यवाही का ब्योरा जमा नहीं किया है वो 5 जुलाई तक कर दें अन्यथा उस राज्य के मुख्य सचिव 12 जुलाई को अदालत के सामने पेश होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि जिन लोगों की अर्जी अब लगाई गयी है वो अब श्रम अधिकारियों के समक्ष अपना मामला पेश करें। सभी लोग अब चाहें तो धारा 17(1) के तहत अपने मजीठिया लाभ का दावा पेश करें। जिन लोगों ने 20 (j) पर भी हस्ताक्षर किया है वो भी इस बात का उल्लेख करते हुए अपनी शिकायत इंस्पेक्टर के सामने लगाएं।

<p>पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले में उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को हुई सुनवाई में काफी सख्त रवैया अपनाते हुए यह कहा कि जिन राज्यों ने अभी तक मजीठिया मामले में अपनी कार्यवाही का ब्योरा जमा नहीं किया है वो 5 जुलाई तक कर दें अन्यथा उस राज्य के मुख्य सचिव 12 जुलाई को अदालत के सामने पेश होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि जिन लोगों की अर्जी अब लगाई गयी है वो अब श्रम अधिकारियों के समक्ष अपना मामला पेश करें। सभी लोग अब चाहें तो धारा 17(1) के तहत अपने मजीठिया लाभ का दावा पेश करें। जिन लोगों ने 20 (j) पर भी हस्ताक्षर किया है वो भी इस बात का उल्लेख करते हुए अपनी शिकायत इंस्पेक्टर के सामने लगाएं।</p>

पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले में उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को हुई सुनवाई में काफी सख्त रवैया अपनाते हुए यह कहा कि जिन राज्यों ने अभी तक मजीठिया मामले में अपनी कार्यवाही का ब्योरा जमा नहीं किया है वो 5 जुलाई तक कर दें अन्यथा उस राज्य के मुख्य सचिव 12 जुलाई को अदालत के सामने पेश होंगे। अदालत ने यह भी कहा कि जिन लोगों की अर्जी अब लगाई गयी है वो अब श्रम अधिकारियों के समक्ष अपना मामला पेश करें। सभी लोग अब चाहें तो धारा 17(1) के तहत अपने मजीठिया लाभ का दावा पेश करें। जिन लोगों ने 20 (j) पर भी हस्ताक्षर किया है वो भी इस बात का उल्लेख करते हुए अपनी शिकायत इंस्पेक्टर के सामने लगाएं।

सभी कर्मचारी गण चाहे तो लेबर इंस्पेक्टर के सामने सम्मिलित रूप से किसी यूनियन द्वारा शिकायत लगाएं। यह जरूरी नहीं है कि सभी कर्मचारी उस शिकायत पर दस्तखत करें। शिकायत का प्रारूप इस मामले में भड़ास के यशवंत सिंह के सौजन्य से देश भर के पत्रकारों और समाचार पत्र कर्मियों की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता उमेश शर्मा की ओर से पत्रकारों और समाचार पत्र कर्मियों के लिए दे रहे हैं। इसे डाउनलोड कर सकते हैं। यूनियन और कर्मचारी इस बात की भी शिकायत कर सकते हैं कि प्रबंधकों ने उनसे जबदस्ती 20 (J) पर दस्तखत करवाया है और इसे अमान्य समझा जाये, साथ ही इसके लिए प्रबंधकों के खिलाफ कार्यवाही की जाये। जो लोग सेवानिवृत हो चुके हैं, त्यागपत्र दे चुके हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके बच्चे इस लाभ के हक़दार हैं और उनसे भी संपर्क कर उन्हें साथ लिया जाना चाहिए ताकि सभी लोग संगठित रह सकें और प्रबंधको को एक किनारे कर सकें। शिकायत का प्रारूप प्राप्त करने के लिए नीचे क्लिक करें :

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Letter.pdf

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मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें…

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