
तस्वीर में जो डंडा देख रहे हैं, वो साधुओं के कोतवाल का हथियार है… मतलब साधु हो जाइए तो भी कोतवाली से मुक्ति नहीं है.
साधुओं की दुनिया में भी एक कोतवाल होता है जो शेष साधुओं को रेगुलेट करता है, अनुशासित रखता है… मुझे ये बात एक आजाद साधु से पता चली. पर एक दिन साक्षात देख भी लिया. एक कोतवाल साधु बाकी साधुओं से कैसे बात कर रहा और ज्यादा रोटी मांगने वाले को कैसे कंट्रोल कर रहा है…. देखिए वीडियो…