राष्ट्रीय सहारा के पटना यूनिट में संपादक बनने की होड़ लगी हुई है। यूनिट में कार्यरत कई ऐसे नाम है जो एड़ी चोटी लगा रहे हैं। इसी में एक नाम एक वरिष्ठ पत्रकार का भी है जो महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं। ये इसके पहले भी संपादक बनाए जाने के लिए वरिष्ठों के पास पैरवी लगा चुके हैं। लेकिन बाजी रामाकांत प्रसाद चंदन ने मार लिया। रामाकांत प्रसाद स्थानीय संपादक बन गए।
अब कहा जा रहा है कि रामाकांत प्रसाद चंदन अप्रैल में रिटायर होने वाले हैं। सो इन वरिष्ठ पत्रकार महोदय इस मौके को गंवाना नहीं चाहते। अपने आका के पास एक मार्मिक पत्र लिखा। पत्र व्हाट्सएप के जरिए अपने आका को भेजना था। लेकिन गलती से वह इस पत्र को एक मीडिया ग्रुप में डाल दिए। यह ग्रुप उन्होंने खुद बनाया था।
मीडिया ग्रुप में डालते ही ग्रुप के सारे मेंबर्स उनकी मंशा को जान गए। जब संपादक बनने के आकांक्षी वरिष्ठ पत्रकार को इसकी भनक लगी तो उन्होंने उस ग्रुप को ही डिलीट कर दिया।
इस पत्र में उन्होंने बड़े मार्मिक ढंग से अपनी बात रखी है। वैसे ये महोदय सहारा के दुर्दिन के समय सहारा छोड़ कर चले गए थे। हालांकि रणविजय सिंह ने उन्हें काफी दिनों तक दूसरे संस्थान में काम करने के बाद भी वापस आने का मौका दे दिया।
देखें ह्वाट्सअप पर लीक पत्र-
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.