प्रबंधन के नजदीक पहुंचने वालों की भाषा और तेवर बिलकुल बदल जाते हैं. वे भूल जाते हैं कि कभी खुद भी वे एक आम मीडियाकर्मी थे. संत प्रसाद राय टीवी9 भारतवर्ष में मैनेजिंग एडिटर हैं. उनके आने के बाद टीवी9 भारतवर्ष की टीआरपी बढ़ी है, ये सच बात है. पर संत प्रसाद राय ने अपने कर्मियों को हाल के दिनों में वाट्सअप ग्रुप में जो धमकी भरा लेक्चर पिलाया है, वह भयावह है.
कोरोना काल में हर कोई एलर्ट है. सबको अपने जान की परवाह है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक लगातार एडवाइजरी जारी कर रही हैं. सबको चौकन्ना और सेफ रहना है. पर संत प्रसाद राय की नजर में उनके यहां काम करने वाला अगर कोई शख्स चौकन्ना है तो वो कायर है.
संत प्रसाद राय शायद भूल गए कि ऐसी ही कुछ गुंडागर्दी जी वालों ने की और आज जी का क्या हाल है, सब जानते हैं. जी न्यूज के ज्यादातर लोग कोरोना की चपेट में आ गए. पूरी बिल्डिंग सील हुई. सबको घर बैठना पड़ा. किसी तरह रो गा कर चैनल चलाया गया.
टीवी9 भारतवर्ष के सूत्रों का कहना है कि खुद संत प्रसाद राय के खास लोग तो सबसे ज्यादा छुट्टी पर हैं. पर ऐसे लोग जो निष्पक्ष हैं और अपने काम से काम रखते हैं, उन्हें टारगेट कर धमकाया, प्रताड़ित किया जा रहा है. संत प्रसाद राय के लिए केवल टीआरपी ही मैटर करता है, अपने साथियों की सेहत नहीं.
बताया जा रहा है कि टीवी9 भारतवर्ष में अब तक सात लोग कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं. कोरोना काल में मीडिया हाउसों में पाजिटिव केस बढ़ रहे हैं. इसी के साथ मैनेजमेंट का प्रेशर भी बढ़ रहा है कर्मियों पर, आफिस में प्रजेंस के लिए.
आज के कोरोना काल में वरिष्ठों को अपने तेवर व भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए. मौत से सबको डर लगता है. जिसने ज्यादा बहादुरी दिखाने का माद्दा दिखाया, उसका हश्र सबको पता है. दैनिक जागरण आगरा के पंकज कुलश्रेष्ठ समेत कई मीडियाकर्मी कोरोना के चलते काल के गाल में समा गए.
जब कोई मर जाता है तो फिर संस्थान वाले साल भर बीतते बीतते उसके घर-परिवार को भुला देते हैं.
ऐसे में संत प्रसाद राय से टीवी9 भारतवर्ष के आम मीडियाकर्मियों का अनुरोध है कि कोरोना काल में अपने बासिज्म और भाषा को थोड़ा कंट्रोल में रखें. टीआरपी ठीकठाक आ रही है. इसमें सबका योगदान है. टीम को इंस्पायर करके ज्यादा बेहतर काम कराया जाता है, बजाय धमका कर आतंकित कर काम कराने के.
देखें संत प्रसाद राय की धमकी-
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