पवन त्रिपाठी-
वैसे आइडिया अच्छा है।हमारा है भी नहीं उन्होंने ही 56 देशों में दिखाया है।हमें भी अड़ना चाहिए।वैसे भी 1947 में वे अपना हिस्सा ले ही चुके हैं।यहां अवैध ही रह रहे।तो हमें जल्दी उनके बनाए नियमों का पालन कठोरता से करना चाहिए।
वीरेंद्र राय-
कुछ लोग गढ़वा में चल रहे गंगा जमुनी तहजीब से चिढ़े हुए हैं। शायद उनको नहीं पता ऐसे ही तो भारत में यह सबसे चर्चित तहजीब आगे बढ़ी है। इसी तहजीब के सहारे पाकिस्तान बना, फिर कश्मीर। अब केरल और बंगाल में तेजी से गंगा जमुनी तहजीब बढ़ रही है।
झारखंड के गढ़वा में तो मामूली शुरुआत है। यही बीज तो आजादी के दौरान बोया गया था। इसमें बुरा मत मानिए। बहुत शांतिप्रिय तहजीब के लोग हैं। लोकतंत्र में पूरा विश्वास है।
कुछो गलत नहीं होगा और होगा तो भी जज साहेब हैं। वही बता देंगे कि गलत के लिए कौन शर्मा या यादव जिम्मेदार है। बाकी ज्यादा लोड मत लीजिए, वैसे ज्यादा बेचैनी हो तो अजमेर शरीफ चले जाइए। चादर चढ़ाकर दान कर आइए ताकि सिर कलम वाले को मदद पहुंचाई जा सके।