Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

आज के अखबारों में देखिये प्रधानमंत्री का मास्टर स्ट्रोक, जनता का मूड बदलने की कोशिश और तरीका

संजय कुमार सिंह

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज तो खबरें ही खबरें हैं और इतनी खबरें हैं कि सबकी बात नहीं कर सकता। कुछ ना कुछ छूट ही जायेगा। ऐसी खबरों में एक है, प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ पर आईआईएम बैंगलोर ने अध्ययन किया है। द टेलीग्राफ में आज पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में खबर छापी है कि आईआईएम बैंगलोर ने अपने फैकल्टी सदस्य के आरटीआई के जवाब में कहा है कि उसके पास इसका कोई रिकार्ड नहीं है। यह खबर तीन अक्तूबर की है और तीन नवंबर को इस संबंध में ट्वीट आया था। मीडिया में कोई खबर नहीं दिखी। आज द टेलीग्राफ में है। यह हेडलाइन मैनेजमेंट का एक बढ़िया मामला है। उसकी चर्चा अलग से करूंगा।

आज के मेरे सात अखबारों में से तीन में नेपाल के भूकंप की खबर लीड है। ये अखबार हैं, इंडियन एक्सप्रेस, द हिन्दू और द टेलीग्राफ। हिन्दी के मेरे दो अखबारों में एक, अमर उजाला की लीड है, प्रधानमंत्री का भाषण या चुनावी रैली की खबर। दुर्ग और रतलाम डेटलाइन की खबर दिल्ली संस्करण में, “कांग्रेस ने महादेव को भी नहीं बख्शा : मोदी” शीर्षक से है। इसमें कांग्रेस पर प्रधानमंत्री के आरोप, सवाल सब हैं पर कांग्रेस का आरोप, जवाब या सवाल नहीं है। आधे पेज से ज्यादा विज्ञापन है तो दिल्ली के प्रदूषण की खबर कहां होनी थी।  

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिन्दी के मेरे दूसरे अखबार, नवोदय टाइम्स की लीड चुनावी ओपिनियन पोल के नतीजे हैं। इसका शीर्षक है, राजस्थान में चेंज, छत्तीसगढ़ में सेम। नेपाल में भूकंप यहां टॉप पर तीन कॉलम में है और बाईं तरफ पांच कॉलम में दिल्ली के प्रदूषण पर खबर है, जहरीली हवा में सांस लेना भी समस्या। इस खबर के साथ दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई की तालिका प्रमुखता से दी गई है।

अंग्रेजी के बाकी दो अखबारों, हिन्दुस्तान टाइम्स की लीड उसके अपने लीडरशिप समिट के समापन भाषण की खबर है जो शनिवार को यानी कल प्रधानमंत्री ने दिया। शीर्षक हिन्दी में कुछ इस तरह होता, “2047 तक विकसित भारत के लिए बाधाएं खत्म कर दी गई हैं : मोदी”। सम्मेलन में पीयूष गोयल भी बोले, उनकी खबर पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर है। हिन्दी में शीर्षक होगा, “प्रधानमंत्री हमारे कॉलिंग कार्ड हैं, भाजपा राज्य चुनाव जीतेगी:गोयल”। कॉलिंग कार्ड का चुनावी भाषण आपने पढ़ा है। उसमें कपड़ों से पहचानने का दावा, बजरंगबली और अब महादेव आप सुन रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

टाइम्स ऑफ इंडिया की लीड पर आने से पहले बता दूं कि आज खबरों की इस भीड़ में जो खबर रह गई या दब गई वह हिन्दुस्तान टाइम्स में टॉप पर है। यह खबर इंडियन एक्सप्रेस और नवोदय टाइम्स में भी पहले पन्ने पर है लेकिन दूसरी महत्वपूर्ण खबरें नहीं होतीं तो इसे और प्रमुखता मिली होती। खबर के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड ने कहा है कि  संसद कानून को ठीक कर सकता है फैसलों को बदल नहीं सकता है। अखबार ने इस खबर के साथ मुख्य न्यायाधीश के इस कथन को हाईलाइट किया है, यह तथ्य की हम (न्यायपालिका) निर्वाचित नहीं है यह हमारी प्रक्रिया में कमी जैसा कुछ नहीं है बल्कि यह इस प्रक्रिया की शक्ति है।

मुख्य न्यायाधीश ने यह बात हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कही है। खबर महत्वपूर्ण है और मौजूदा व हाल की राजनीतिक स्थितियों के लिहाज से इसका अपना महत्व है।   

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज टाइम्स ऑफ इंडिया की लीड सबसे अलग है। हालांकि, द हिन्दू ने भी इसे खास महत्व दिया है और यह लीड के साथ दो कॉलम में तीन लाइन के शीर्षक साथ बराबर में है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मुफ्त राशन की योजना का पांच साल के लिए विस्तार किया जाएगा। आप जानते हैं कि देश के पांच राज्यों में चुनाव है, आचार संहिता लागू है और चुनाव प्रचार का अंतिम दिन आज ही है और कल प्रधानमंत्री ने यह घोषणा कर दी जो संभवतः आचार संहिता का उल्लंघन है। हालांकि, फैसला चुनाव आयोग को करना है और पता नहीं इसकी शिकायत की भी गई है या नहीं। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर है, “सरकारी योजना के अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना इस दिसंबर में खत्म हो रही है। पर आपके बेटे, जिसने गरीबी देखी है, इसमें रहा है और आपके बीच से ही आया है, ने एक और निर्णय लिया है। मैंने निर्णय लिया है कि भाजपा की सरकार इस योजना का विस्तार करेगी ताकि 80 करोड़ गरीब को अगले पांच वर्षों तक मुफ्त अनाज दिया जाए। यह राजनीतिक वादा नहीं है, यह मोदी की गारंटी है।” गूगल करने से पता चला कि तमाम प्रचारक इस योजना के गुण गा रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुछ शीर्षक इस प्रकार हैं

  • मुफ्त राशन योजना : 80 करोड़ लोगों को पीएम मोदी ने दिया दिवाली का तोहफा, 5 साल तक फ्री में मिलता रहेगा राशन – एबीपीलाइव डॉट कॉम
  • पांच साल के लिए मुफ्त राशन : 5 साल और मिलेगा फ्री राशन, पीएम मोदी ने एक तीर से किए कई शिकार – डीएनए इंडिया
  • पीएमजीकेएवाई का विस्तार: मुफ्त राशन स्कीम पांच साल और बढ़ाना पीएम मोदी का ‘मास्टरस्ट्रोक’! क्या बदलेगा एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जनता का मूड? – ज़ीन्यूज इंडिया
  • 5 साल और मिलेगा फ्री राशन, 80 करोड़ गरीबों को होगा फायदा – टीवी9हिन्दी
  • अगले पांच साल तक मिलता रहेगा देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन: प्रधानमंत्री – हिन्दुस्थान समाचार 

कहने की जरूरत नहीं है कि प्रधानमंत्री की घोषणा को खबर के रूप में महत्व मिलना ही था पर यह घोषणा आचार संहिता लागू होने के बाद की गई है यह सूचना अंदर कहीं हो तो हो सकती है, प्रमुखता से न बताई गई है ना मुझे दिखी और बात इतनी ही होती तो शायद चलती। पर सच्चाई यह है कि चुनाव प्रचार कांग्रेस का भी चल रहा है और आज के ज्यादातर अखबारों में कांग्रेस का हाल नहीं बताया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रधानमंत्री की चुनावी घोषणा की यह खबर अलग है और राजनीति अलग। अमर उजाला के शीर्षक से आप जानते हैं कि महादेव ऐप्प के नाम के आधार पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस ने महादेव को भी नहीं छोड़ा। और भाजपा ने छोड़ रखा था क्योंकि इसका पता तो बहुत पहले चला था। सरकार ने उसके बाद जुये या सट्टे पर जीएसटी लगाया, कार्रवाई नहीं की और ऐन चुनाव के समय ईडी सक्रिय हो गया।     

आपको याद होगा कि कर्नाटक चुनाव के समय प्रधानमंत्री बजरंगबली को चुनाव मैदान में ले आये थे। इस बार महादेव हैं लेकिन सहायता ईडी से मिल रही है और कांग्रेस ने इसका खुलासा भी किया है। लेकिन मैं इसके विस्तार में नहीं जाउंगा। प्रधानमंत्री के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा है, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भाजपा के लिए काम कर रहा है, मैं हमेशा से उनका निशाना रहा हूं। कांग्रेस ने और भी बहुत कुछ कहा है पर वह सब पहले पन्ने पर नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया में दिल्ली के प्रदूषण पर भी प्रमुखता से खबर है। कांग्रेस के कल के भिन्न बयानों, आरोपों और स्पष्टीकरणों में एक प्रमुख है जिसे द टेलीग्राफ ने आज कोट बनाया है। इसके अनुसार कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है, कांग्रेस एक देश, एक भाषा एक कोड और एक संस्कृति का विरोध करेगी। हम एकरूपता के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि हम अपनी विविधता के साथ एकजुट रह सकते हैं। 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement