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सुख-दुख

शराब छोड़ने के लिए यशवंत एक बार ‘एल्कोहल एनानिमस’ ग्रुप में शामिल हो गए थे, सुनिए उनका संस्मरण

Yashwant Singh : बहुत कम लोगों का पता होगा कि मैंने कुछ बरस पहले शराब छोड़ने के लिए एल्कोहल एनानिमस नामक ग्रुप ज्वाइन किया था. एल्कोहल एनानमिस ग्रुप पूरी दुनिया में है और भारत के हर जिले में है. इसके नाम में एनानिमस इसलिए जुड़ा है क्योंकि इस ग्रुप में शामिल लोगों को अपने बारे में, अपनी गतिविधियों के बारे में किसी को कुछ नहीं बताना होता है.

इस ग्रुप में शामिल वही लोग हो सकते हैं जो ये मान लें कि वे शराब के हैबीचुवल हैं, वे शराब के गुलाम हैं, वे अब शराब को नहीं बल्कि शराब उनको पी रही है, वे शराब छोड़ नहीं पा रहे, शराब छोड़ने में उनकी इच्छाशक्ति आड़े आ रही है. जब आप इस नतीजे पर पहुंच जाते हैं तो एल्कोहल एनानिमस ग्रुप आपको अपने यहां भर्ती कर लेता है. इस ग्रुप में सब वही लोग होते हैं, यानि शराब से परेशान, शराब छोड़ने के लिए तत्पर. इस ग्रुप में महीने भर से ज्यादा की सक्रियता के जरिए मुझे कई चीजें पता चलीं.

1- शराब दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है लेकिन ग़ज़ब ये है कि शराब पीने को बीमारी नहीं माना जाता बल्कि इसे सोशलाइट होने का स्टेटस सिंबल हासिल है. शराब जनित रोगों से मरने वालों की संख्या दुनिया में किसी अन्य रोग से मरने वालों की संख्या से ज्यादा है.

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2-शराब छोड़ने का कोई उपाय नहीं है. कोई कुछ भी कह ले, कर दे, आप शराब नहीं छोड़ सकते. शराब बस एक तरीके से छोड़ा जा सकता है. वह है कि आप यह तय कर लें कि आज शराब नहीं पिएंगे. यानि शराब सिर्फ आप आज के लिए छोड़ सकते हैं. कल क्या होगा, ये आपको पता नहीं. इसलिए हमेशा के लिए शराब छोड़ने की जगह वादा करें कि आज शराब नहीं पिउंगा.

3-आज शराब नहीं पीने का सबसे अच्छा तरीका है कि शाम होते ही अपने मनपसंद का खाना तैयार खुद कर लें या करा लें और लपक कर दबा कर खा लें. आपकी शराब पीने की इच्छा मर जाएगी. ध्यान रखिए, पेट खाली होने से शराब पीने की तलब बहुत ज्यादा लगती है.

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4-एल्कोहल एनानिमस ग्रुप में शराब पीड़ित लोग अपनी शराबखोरी के दिनों की हीरोइक कहानियां नहीं सुनाते बल्कि शराब छोड़ने से उनके जीवन में क्या क्या बदलाव आ रहा है, उनके पास जो अतिरिक्त घंटे बचते हैं, जो अतिरिक्त समय होता है, उसे वह कैसे यूज करते हैं, उनकी पारिवारिक लाइफ में कितना बदलाव आया, यह सब अनुभव शेयर करते हैं और यह बड़ा पाजिटिव होता है. इसे सुन कर दूसरे शराब छोड़ने की दिशा में अग्रसर होते हैं.

5-एल्कोहल एनानिमस की मीटिंग डेली होती है और उसी वक्त होती है जब शराब की तलब सबसे ज्यादा महसूस होती है. यानि संध्या के वक्त. शाम सात बजे से लेकर रात दस बजे तक. इन कमजोर क्षणों में मीटिंग से हासिल उर्जा आज के दिन शराब से तौबा कराने में काफी मदद देती है.

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6-एल्कोहल एनानिमस के लोग शराब छोड़ने के दिनों के हिसाब से एवार्ड देते हैं. जैसे, मैं जब यह ग्रुप ज्वाइन करने पहुंचा तो मुझे शराब छोड़े अड़तालीस घंटे हो चुके थे. तो वे लोग काफी खुश हुए और 72 घंटे बीतने पर मुझे एक एवार्ड दिया. इसी तरह जो लोग हफ्ता, पंद्रह दिन, महीना आदि पूरा कर लेते हैं, शराब छोड़ कर, तो उन्हें अलग से एवार्ड दिया जाता है.

7-शराब छोड़ने में शुरुआती बहत्तर घंटे सबसे क्रूशियल होते हैं. इस वक्त को पार पाना, काट पाना शराबियों के लिए सबसे मुश्किल होता है. आप अगर लगातार तीन महीने तक शराब छोड़े रखते हैं तो आपका लीवर पूरी तरह नया हो चुका होता है.

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8-अगर आप शराब छोड़ना चाहते हैं या नियंत्रित करना चाहते हैं तो सबसे बड़ा उपाय बस यही है कि आप आज के दिन न पीने का वादा करें और इसी हिसाब से अपनी दिनचर्या प्लान करें. शराबी दोस्तों को न फोन करें और न उनके कॉल को अटेंड करें. ह्वाट्सअप पर पियक्कड़ टाइप के ग्रुपों से तौबा कर लें.

ये अलग बात है कि इन दिनों मैं खुद ही ह्वाट्सअप पर एक ‘पियक्कड़’ ग्रुप का एडमिन हूं और जीते रहने की कोई खास वजह न पाकर हर दूसरे दिन शराबखोरी करता हूं. 🙂

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जैजै

स्वामी भड़ासानंद

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भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

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3 Comments

3 Comments

  1. अभिनव पान्डे

    May 2, 2019 at 10:10 pm

    मनमौजी,
    अपनी ही जीवन मे मस्त, उसमें ही दूसरों को सुनना , और विषय का पात्र बनना।।
    महोदय दूसरों मे भी खुशी ढुढिये।

    • Shanker

      February 11, 2020 at 8:57 pm

      में शराब से पूरी तरह से तंग आ गया रोजाना के 1500rs लग रहे है में छोड़ नही पा रहा क्या करूँ कुछ समझ मे नही आ रहा है

  2. Manmohan

    May 3, 2019 at 12:35 am

    ये अलग बात है कि इन दिनों मैं खुद ही ह्वाट्सअप पर एक ‘पियक्कड़’ ग्रुप का एडमिन हूं और जीते रहने की कोई खास वजह न पाकर हर दूसरे दिन शराबखोरी करता हूं.

    ये पढ़ कर शराब पीने से तौबा करने की इच्छा फिर से कमजोर हो जाती /सकती है…. यशवंत जी इस तरह से लेख जो दिल दिमाग मस्तिष्क को को तैयार करते हैं शराब न पीने के लिए… उसकी सीरियसनेस भाप की तरह उड़ जाती है ।वह नौजवान जो आप को आदर्श मानते हैं मुझे पक्का विश्वास है कि आप के लेख को सीरियसली पढ़ कर उन्हें ऐसा लगा होगा कि वह भी शराब छोड़ देंगे लेकिन आप की अंतिम पंक्तियां पढ़कर वह भी हंसते हुए सोचेंगे चलो यार एक बार 1पैग और मार लेते हैं….
    एल्कोहल एनानिमस ग्रुप की बैठक में मैं भी अपने एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र के साथ कई दफा गया हूं और मैंने वहां काफी कुछ ऑब्ज़र्व किया है । मैं पर्सनली मानता हूं कि यह एक बेहद प्रशंसनीय कार्य है और उस दौरान मैं ऐसे कई लोगों से रूबरू हुआ हूं जिन्होंने ग्रुप में शामिल होकर शराब को हमेशा के लिए छोड़ दिया… इस विषय पर लिखने के लिए साधुवाद।

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