Yashwant Singh : बहुत कम लोगों का पता होगा कि मैंने कुछ बरस पहले शराब छोड़ने के लिए एल्कोहल एनानिमस नामक ग्रुप ज्वाइन किया था. एल्कोहल एनानमिस ग्रुप पूरी दुनिया में है और भारत के हर जिले में है. इसके नाम में एनानिमस इसलिए जुड़ा है क्योंकि इस ग्रुप में शामिल लोगों को अपने बारे …
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जहरीली शराब से मौतों के लिए योगी सरकार की शराब नीति जिम्मेदार!
उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत रहे एस.आर. दारापुरी (संयोजक, जन मंच) का कहना है कि जहरीली शराब से मौतों के लिए योगी सरकार की शराब नीति जिम्मेदार है. वर्तमान शराब नीति में तरफ सरकार शराब के ठेके उच्चतम बोली पर चढ़ाती है जिसे शराब माफिया सिंडिकेट बना कर हथिया लेते हैं. …
यूपी के अखबार भी नशे में आए, शराबी परेशान, पाठक हैरान!
Manish Srivastava क्या योगी सरकार में अखबारों पर भी शराब का नशा चढ़ गया? @AmarUjalaNews ने लिखा, यूपी में शराब सुबह साढ़े नौ से रात 11 तक मिलेगी @dainikjagranlko ने भी यही समय लिखा। वहीं @NBTLucknow ने लिखा शराब सुबह दस से रात दस तक मिलेगी @Live_Hindustan ने भी यही समय लिखा. शराबी परेशान, पाठक …
अस्पताल से घर लौटे यशवंत ने एफबी पर लिखा- डाक्टर ने मदिरा से मुक्ति के लिए कह दिया है!
गुड मॉर्निंग. फोर्टिस की एक युवा महिला डॉक्टर ने रहस्य खोला कि आपको सीने में भारीपन के कारण बार बार अस्पताल में भर्ती होने के पीछे वजह मदिरा है। हर बार ecg में हृदय नॉर्मल आता है। सारा दोष गैस के सिर जाता है। डॉक्टर के मुताबिक मुझे क्रोनिक गैस्ट्रो रोग मदिरा और मिर्च की …
केजरीवाल ने बीस घंटे में अस्सी हजार रुपये की शराब पी ली!
Vivek Kumar : सिर्फ 20 घंटे में केजरीवाल ने खर्च किए 1.85 लाख.. इसमें खाने-पीने का बिल आया 76 हजार… मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले दिनों कर्नाटक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे.. कुमारस्वामी के सात मिनट के शपथ ग्रहण समारोह पर कर्नाटक सरकार का कुल 42 लाख रुपये का खर्चा आया..
यूपी में धड़ल्ले से बनाई जा रही कच्ची शराब, देखें वीडियो
आगरा। ताजनगरी में कच्ची शराब, जहरीली शराब और दो राज्यों के बीच शराब की तस्करी का काला कारोबार बेखौफ चल रहा है। इस काले कारोबार पर ना तो आबकारी विभाग की नजर है और ना ही आगरा पुलिस को इसकी खबर है। उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की जान जा चुकी है। आगरा के शमशाबाद थाना क्षेत्र के गांव सूरजभान में शराब की भट्टियों पर कच्ची शराब खुलेआम बनाई जा रही है.
यूपी : दारू के धंधे में फिर आयेगा सिंडीकेट राज!
अजय कुमार, लखनऊ
आबकारी नीति में बदलाव के संकेत… उत्तर प्रदेश के दारू के धंधे में आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 से समाजवादी रंग उतार कर भगवा रंग चढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इस बदलाव से किसको कितना फायदा होगा,यह तो समय ही बतायेगा,लेकिन जो तस्वीर उभर कर आ रही है,उससे यही लगता है कि एक बार फिर यूपी में फोंटी की कम्पनी का दबदबा बढ़ सकता है। सिंडिकेट राज पुनः लौटेगा? क्योंकि नई पॉलिसी कुछ ऐसी बनाई जा रही है जिससे आर्थिक रूप से कमजोर शराब कारोबारियों के पास अपना धंधा समेटने के अलावा कोई चारा बचेगा ही नहीं।
यूपी में महिलाओं की पूर्णतः शराबबंदी की मांग योगी सरकार के लिये बडी चुनौती
उत्तर प्रदेश में नयी सरकार बनने के बाद से जिस तरफ देखो उस तरफ शराब की बंदी के लिए आवाज उठाई जा रही है। यह आवाज महिलाएं उठा रही हैं। उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले में शराबबंदी के पक्ष में आवाज बुलंद की जा रही है और लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अपना कार्यकाल संभालते ही निर्णय लिए हैं, चाहें अवैध भूचड़खानों और बिना लाइसेंस के मीट की बिक्री करने वालों पर कार्यवाही हो, चाहें एंटी रोमियो दस्ता द्वारा मनचलों और छेड़खानी करने वालों पर कार्यवाही हो या कानून व्यवस्था से जुड़े हुए अन्य फैंसले, इन सबकी समीक्षा खुद उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं।
वसुंधरा राजे ने हाइवे पर हर दो किमी के फासले पर शराब ठेके खुलवा दिए थे!
क्या सचमुच टूट जाएगा हाइवे पर शराब का सपना… हाइवे पर अब शराब की दुकानें नहीं दिखेंगी। लेकिन यह तभी होगा, जब राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट की बात मान ले। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि अप्रैल महीने से हाइवे पर शराब की दुकानों को बंद कर दिया जाना चाहिए। फैसला जनहित में है। वास्त में देखा जाए, तो हाइवे हमारे विकास के रास्ते हैं। उन रास्तों पर खुले आम शराब के ठेके खुलने से हमारे हाइवे विकास के बजाय विनाश के रास्ते बनते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला देश के सभी राज्यों के सभी हाइवे पर लागू होगा। हमारे हिंदुस्तान में देखें, तो हर हाइवे पर भगवान के मंदिरों की भरमार है। ड्राइवर अगर अपनी जिंदगी की दुआ के लिए हर भगवान को हाथ जोड़ने लगे, तो अगला मंदिर आने से पहले उसका एक्सीडेंट तय है। इतने सारे मंदिर। कदम कदम पर मंदिर। लेकिन उन्हीं हाइवे पर शराब के ठेके मंदिरों से भी ज्यादा।
बिहार में शराब बंदी के साइड इफेक्ट पर पत्रकार उमाशंकर सिंह की एक शानदार पठनीय पोस्ट
Umashankar Singh : बिहार में शराब बंद होने के बाद लगातार ह्दय विदारक घटनाएं हो रही हैं। पर करेजा चीड़ देने वाला वाकया सुनाया बीरेन्दर भैय्या ने। बोलते-बोलते उनकी आंखें भर गई। हमने समझा बिहारी आदमी साला बिना ड्रामा किए एक लाइन भी नहीं बोल सकता! पर कुछ ही देर में समझ आ गया वे सचमुच में उदास हैं। उनने कहा, क्या कहें भईवा! शराब बंदी के बाद आधा दर्जन शादी अटेंड कर चुके हैं। लगता ही नहीं है कि ब्याह हो रहा है।
पंजाब सरकार की शराब से रेवन्यू बढ़ाने की नीति को देखते हुए महिलाएं अब करेंगी शराबियों का ‘सम्मान’ : बेलन ब्रिगेड
लुधियाना : बेलन ब्रिगेड की तरफ से सर्कट हाउस में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया जिसमें विभिन्न संस्थाओं की महिलाओं ने हिस्सा लिया और समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने कहा कि आज समाज में महिलाओं के लिए शराब सबसे बड़ी समस्या है और जिसे पंजाब सरकार नशा नहीं मानती। आज महंगाई के युग में शराब गरीब महिलाओं के लिए एक श्राप है क्योंकि महिलाएं भूखी रह सकती हैं गरीबी में रूखी सूखी खाकर अपने बच्चे पाल सकती हैं लेकिन शाम को जब उनके पुरुष शराब पीकर घर पर लौटते हैं और बच्चो से गाली गलौच करते हैं, पीटते हैं जिससे घर का माहौल गमगीन हो जाता है। ऐसी घडी महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दु:खदायी होती है। तब उसकी कोई मदद नहीं करता और लोग तमाशा देखते हैं।
एक बादाकश ने तौबा करने की कसम खाई, इस खुशी में उम्र भर पी और पिलाई….
एक बार किसी ने मुझसे पूछा– आप शराब किस लिए पीते हैं। मैंने जवाब दिया– जो वजह मेरे जीने की है वही मेरे पीने की। उनका सर चकरा गया। वे कुछ न समझ पाये। ऐसे आदमी को समझाना भी नहीं चाहिए। असल में वे मुझे समझाना चाहते थे कि शराब पीना बुरी आदत है। इंसानों को बिना मांगे सुझाव देने की बुरी लत होती है, जिसे ठुकरा देने की मुझे लत है। मेरे हालात मेरे हमसफर हैं। मैं अपने हालात के आदेश पर चलता हूं। दूसरों की ही नहीं, मैं अपने दिल के सुझाव भी नहीं मानता। मेरा जनम किसी के सुझाव से नहीं हुआ। किसी के सुझाव को मैं अगले की जिंदगी में दखलंदाजी मानता हूं।
भोपाल के शराबी ब्यूरो हेड की अय्याशी के चर्चे और जूनियर रिपोर्टर का भड़कना
भोपाल : इन दिनों एक न्यूज चैनल के शराबी भोपाल ब्यूरो की खूब चर्चा है. पत्रिका न्यूज़ पेपर से धक्के मारकर बहार निकले गए इन महाशय की अपनी ही टीम पर पकड़ ढीली है। दरअसल ये ब्यूरो साहब अपने बाप की मेहरबानी के चलते चैनल में जगह पा गए। लेकिन इनकी हरकतें वही छिछोरों टाइप की है जो कभी पहले भी हुआ करती थी। इनके बाप वरिष्ठ पत्रकार हैं जिन्होंने चैनल हैड के हाथ जोड़कर इन्हें यहाँ रखवाया लेकिन जनाब यहाँ भी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे।
गुजरात में महुआ के फूलों का सरकारी संरक्षण में वन विभाग द्वारा विनाश किया जाता है!
Anil Singh : महुआ भारतीय जीवनशैली, संस्कृति और परंपरा से जुड़ा पेड़ है। आदिवासी समाज में तो इसे जीवन का वृक्ष मानता है। बचपन में इसके ताजा फूलों को बीनने, खाने की यादें अब भी जेहन में ताज़ा हैं। इसके मीठे ठेकुआ का स्वाद अब भी नहीं भूला। कोइनी बीनने और घानी में उसका तेल निकालना भी याद है। आजी, उसके जो उपयोग बताती थीं, वह भी याद है।
बटंग में महिलाओं का मोर्चा, गांव में शराबियों की खैर नहीं
बटंग से लौट कर अमरेन्द्र कुमार आर्य की रिपोर्ट
भिलाई। जागो युवा, जागो नारी, खत्म करो शराब की बीमारी… नारी शक्ति जाग गई… गांव की रक्षा कौन करेगा, हम करेंगे, हम करेंगे। बटंग गांव मेंरोज रात १० बजे यही सीन देखा जा सकता है। इस गांव में जब पुरुष सोने की तैयारी कर रही होती हैं, तब गांव की महिलाएं हाथों में लाठी लेकर शराबियों और शराब की अवैध बिक्री करने वालों के खिलाफ मोर्चेबंदी की तैयारी करती हैं। हर रात महिलाएं बेखौफ होकर गांव में घूम घूम कर शराब माफिया को चुनौती दे रही हैं।
न्यूज चैनल ‘जिओ टीवी’ के डिबेट में नशा करके आए मौलवी साहब (देखें वीडियो)
पाकिस्तान के एक मौलवी ने खूब दारू पीने के बाद न्यूज चैनल की डिबेट में शिरकत की. अपने इस कृत्य से मौलवी साहब ने पाकिस्तान और विश्वभर में रहने वाले मुसलमानों को शर्मिंदा किया है. इस्लाम में शराब पीने को हराम यानि गलत माना गया है. यही कारण है कि मौलवी साहब के शराब पीकर न्यूज चैनल डिबेट पर आने को इतना तूल दिया जा रहा है. पाकिस्तानी के एक बड़े न्यूज चैनल जिओ टीवी पर नशेबाज मौलवी ने अपनी हरकत से अपने देश की नाक कटा दी. मौलवी नशा करने के बाद न्यूज चैनल डिबेट पर ऑन एयर चले गए. नशे में उन्होंने इमरान खान को काफी खरी-खोटी सुनाई.
गाजीपुर जिले के युवा पत्रकार राजेश दुबे का निधन
गाजीपुर जिले के प्रतिभाशाली युवा पत्रकार राजेश दुबे का बुधवार को निधन हो गया। राजेश लंबे अर्से से इलेक्ट्रानिक मीडिया में बतौर संवाददाता काम कर रहे थे। उन्होंने सहारा न्यूज चैनल से अपने करियर की शुरुआत की थी। करीब पांच वर्षों तक सहारा न्यूज चैनल के लिए काम करने के साथ ही उन्होंने लाइव इंडिया, पी7 और एबीपी न्यूज के लिए भी पत्रकारिता की थी। कम समय में ही उन्होंने इलेक्ट्रानिक मीडिया के क्षेत्र खास मुकाम बनाया था। राजेश दो वर्षों तक गाजीपुर पत्रकार एसोसियेशन के अध्यक्ष भी रहे।
मोदी जी, राजस्थान में शराब के नाम पर खरबों रुपये की इस काली कमाई को कौन डकार रहा है? (देखें वीडियो)
Yashwant Singh : मोदी जी बताओ, उगाही का ये पैसा आप खा रहे हो या वसुंधरा राजे सिंधिया को खाने दे रहे हो… ये तो सच है कि भाजपा शासित केंद्र और राज्य में से कोई एक इस खरबों रुपये के शराब घोटाले का पैसा रोजाना डकार रहा है…. राजस्थान में भाजपा की सरकार है. केंद्र में भाजपा की सरकार है. तो फिर माउंट आबू से लेकर राजस्थान के विभिन्न शहरों में शराब बिक्री के दौरान आम जन से खरबों रुपयों की प्रतिदिन अवैध उगाही का पैसा कहां जा रहा है, कौन खा रहा है. मोदी जी कहते हैं कि न खाउंगा और न खाने दूंगा. पर राजस्थान में घटित हो रहे ‘शराब स्कैंडल’ को देखकर लगता है कि भाजपा के बड़े नेता, भाजपा शासित राजस्थान राज्य के नेता, मंत्री, अफसर जमकर उगाही का पैसा खा रहे हैं.