श्याम मीरा सिंह-
राजीव दीक्षित की संदिग्ध मौत को लेकर बनाई, मेरी वीडियो को, बाबा रामदेव की शिकायत के बाद, YouTube ने भारत में ब्लॉक कर दिया है. इस वीडियो को अब तक 15 लाख लोगों ने Youtube पर देखा था. फेसबुक पर करीब 5 लाख 90 हजार लोगों ने देखा. राजीव दीक्षित रामदेव के मित्र थे. मैंने सिर्फ ये पूछा था कि जब साल 2019 में नरेंद्र मोदी वाले पीएमओ ने भी राजीव दीक्षित की मौत की जाँच का आदेश दिया था, तो उस जाँच का क्या हुआ? वो जाँच आजतक बाहर क्यों नहीं आई?
एक तथ्य मैंने रामदेव के रीगार्डिंग ये बताया था कि रामदेव के कहने पर ही राजीव दीक्षित का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया गया था. राजीव दीक्षित के सहयोगियों ने रामदेव से बार बार रिक्वेस्ट की थी कि राजीव दीक्षित का पोस्ट-मार्टम करवाएं. लेकिन रामदेव का तर्क था कि हिंदू धर्म में पोस्टमार्टम नहीं होता, मैंने अपनी तरफ़ से रामदेव पर एक भी आरोप नहीं लगाया. सिर्फ यही बताया कि रामदेव का ये कहना है और राजीव दीक्षित के समर्थकों का ये कहना. अपनी तरफ़ से मेरा कोई मत नहीं था. रामदेव की टीम की तरफ़ से पहले भी मुझे एक फेक ईमेल आया था कि इस वीडियो को हटा दूँ, लेकिन मैंने हटाया नहीं. लेकिन आज तब हद हो गई जब रामदेव ने Youtube के माध्यम से ही वीडियो हटवा दी.
इस वीडियो में मैंने रामदेव के कई दावों का जिक्र किया था. जो झूठे थे:-
- रामदेव ने आस्था टीवी के मंच से कहा था कि रामदेव ने राजीव दीक्षित से लास्ट टाइम में 4 घंटे बात की थी, जब राजीव के छोटे भाई भी उपस्थित थे. लेकिन राजीव के छोटे भाई ने बताया कि वे राजीव की मौत के बाद पहुंचे थे, फिर कैसे रामदेव ने राजीव से उनकी उपस्थिति में बात कर ली? वो भी 4 घंटे?
- रामदेव ने दावा किया था कि राजीव को हार्ट और डायबिटीज की बीमारी थी, उनके परिवार में भी ये बीमारी थी. लेकिन राजीव के भाई बताते हैं कि न तो राजीव को कोई हार्ट या डायबिटीज की बीमारी थी न उनके परिवार में किसी को बीमारी थी. फिर रामदेव ने आस्था टीवी के मंच से झूठ क्यों बोला?
- रामदेव ने कहा था कि उन्होंने राजीव के इलाज पर (कथित हार्ट अटैक वाले दिन) 25 लाख खर्च किये थे. जबकि अस्पताल के बिल बताते हैं कि मात्र 27 हजार खर्च हुए थे.
मेरा सवाल रामदेव से अधिक पीएम ऑफिस से था कि जब 2019 में राजीव दीक्षित की मौत को लेकर पीएमओ ने जाँच का आदेश दिया था तो दुबारा जाँच करने के पीछे क्या कारण थे? क्या पीएमओ भी मानता है कि राजीव की मौत संदिग्थ थी? अगर दुबारा जाँच करने के लिए पर्याप्त कारण थे, तो उस जाँच का क्या हुआ? उसके बारे में आजतक कोई खबर बाहर क्यों नहीं आई?
क्या बाबा रामदेव नहीं चाहते कि उनके अभिन्न मित्र राजीव दीक्षित की संदिग्ध मौत के पीछे की जांच हो? उन्हें न्याय मिले? क्या राजीव दीक्षित के करोड़ों समर्थकों को उनकी मौत के पीछे का असली कारण नहीं पता चलना चाहिए?
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