Nadim S. Akhter : मुझे यकीन है कि प्रखर पत्रकार स्वर्गीय एस. पी. सिंह अगर आज ज़िंदा होते तो गौ-मूत्र और गोबर में कोरोना वायरस समेत दुनिया जहान की बीमारी का इलाज ढूंढने वालों को वैज्ञानिक तरीके से लताड़ते और टीभी पे भद्द पीट देते।
एसपी के चेलों में ना वो हुनर है, ना माद्दा, ना जिगरा और ना कलेजा। सबने बाजार के सामने समर्पण कर दिया।
पर एक बात याद रखियेगा। पत्रकार के रूप में याद सिर्फ एसपी रखे जाएंगे, चेलों की गिनती बॉयोमेट्रिक लगाकर नौकरी करने वाले क्लर्कों में होगी और इतिहास अपने पन्नों पे क्लर्कों को जगह नहीं देता। भले ही कॉरपोरेट की नौकरी में पैसा कितना ही पीट लें ये क्लर्क।
पत्रकार नदीम एस अख्तर की एफबी वॉल से.