किसी को वोट दे लेना, पर सपा को नहीं… वजह बता रहे भड़ास एडिटर यशवंत

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Yashwant Singh : हे मीडिया के साथियों, यूपी चुनाव में सपा को जरूर हराना. वोट चाहे बसपा को देना या भाजपा को या रालोद को या किसी को न देना, लेकिन सपा को कतई मत देना. वजह? सिर्फ पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड. अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके मंत्री राममूर्ति वर्मा के कहने पर कोतवाल और सिपाहियों ने पत्रकार जगेंद्र को शाहजहांपुर में जिंदा जला दिया था. जगेंद्र ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में मंत्री राममूर्ति वर्मा का नाम लिया था. जगेंद्र ने राममूर्ति के खिलाफ कई खबरें लिखी थीं. मंत्री राममूर्ति तरह तरह से जगेंद्र को धमकाता रहता था. जगेंद्र लिख चुके थे कि मंत्री राममूर्ति उसे मार डालना चाहता है क्योंकि वह उसकी पोल खोलता रहता है.

जिसकी आशंका थी, वही हुआ. मंत्री राममूर्ति के इशारे पर सारा पुलिस प्रशासन जगेंद्र को मारने के लिए जुट गया. बाकायदा घर में घुसकर पत्रकार जगेंद्र पर पेट्रोल डालकर जलाया गया. लखनऊ में भर्ती जगेंद्र ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर से लेकर जांच मजिस्ट्रेट तक को हत्यारों के नाम बताए लेकिन अखिलेश यादव ने आजतक हत्यारे मंत्री राममूर्ति वर्मा को बर्खास्त नहीं किया. अखिलेश यादव के युवा होने, इनके स्मार्टफोन देने के वादे, इनके विकास के प्रलाप पर मत जाना. यह अपने खानदान का सबसे काइयां नेता है. परम भ्रष्ट गायत्री प्रजापति से लेकर हत्यारे राममूर्ति वर्मा को पालने वाला यह युवा नेता अगर इस बार खुद के बल पर जीत गया तो समझो इसके राज में वो-वो नंगा नाच होगा जिसकी कल्पना नहीं कर सकते.

लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत जनता द्वारा बेलगाम नेताओं को शाक थिरेपी दिया जाना है. इन्हें पांच साल के लिए सत्ता से बाहर करो ताकि ये आत्मचिंतन और मनन करें. अखिलेश यादव ने पांच साल राज कर लिया. इन्हें पांच साल का ब्रेक दिया जाना चाहिए ताकि थोड़ी ज्यादा समझदारी हासिल कर सकें. अभी जो इन्होंने अपने खानदान से फिक्स मैच खेला है, उससे लॉ एंड आर्डर समेत तमाम सवाल परिदृश्य से बाहर हो गए और अखिलेश की छवि एक नए बहादुर युवा नेता की बना दी गई जो माफियाओं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ है. लेकिन सच्चाई बिलकुल इसके उलट है. यह सारा कुछ मीडिया, मुलायम और अखिलेश द्वारा फिक्स था. अब तो आपको यकीन आ गया होगा जब मुलायम ने साफ साफ कह दिया कि वे अखिलेश और राहुल के लिए प्रचार करेंगे, शिवपाल नई पार्टी नहीं बनाएंगे, वे कभी किसी पर कोई गुस्सा न थे. सपा में आज भी हत्यारे, भ्रष्टाचारी और माफिया नेता-मंत्री अपने पूरे दमखम के साथ मौजूद हैं और साइकिल चिन्ह पर ही चुनाव लड़ रहे हैं. 

तो, हे यूपी के मतदाताओं, खासकर मीडिया के साथियों, मुझ भड़ासी की दिली अपील पर कान धरो, अपने वोट को किसी को भी दे डालो, बस सपा को मत देना. साथ ही सपा को वोट न देने के लिए आप लोग अपने दोस्तों, मित्रों और परिजनों को कनवींस करें. सिर्फ जगेंद्र हत्याकांड की कहानी बताओ. एक पत्रकार को घर में घुसकर जला मारने वाला मंत्री अगर अखिलेश यादव द्वारा बर्खास्त नहीं किया जा सकता तो सोचिए इनके राज में हमारा आपका और आम लोगों का क्या हाल होगा.

बाकी, दिल्ली और लखनऊ के कई बड़े दलाल पत्रकारों के लिखने बोलने पर मत जाना. ये लोग लगातार सपा और अखिलेश का चरण चुंबन करते हुए इनके पक्ष में गायन करते हुए मिल जाएंगे. ये लोग अपने-अपने चैनलों और अखबारों में अखिलेश यादव की छवि बनाते, इन्हें जीतता हुआ दिखाते मिल जाएंगे. इन पर ध्यान मत देना. इन लोगों ने बीते पांच साल में अखिलेश के रहमोकरम से अरबों रुपये कमा चुके हैं और इन्हें नमक का कर्ज तो अदा करना ही है.

99 प्रतिशत मुख्यधारा के मीडिया घराने, जिसमें अखबार और चैनल दोनों शामिल हैं, यूपी की सत्ताधारी पार्टी के रहमोकरम के तले दबे हैं. ये लोग इतना ब्लैक पैसा और नगद विज्ञापन पा चुके हैं कि इन्हें अखिलेश यादव को जीतता हुआ दिखाना मजबूरी है. ये लोग सोची समझी साजिश के तहत सपा के मुकाबले बसपा और भाजपा को कमजोर-कमतर दिखा रहे हैं. मीडिया वालों के पेड न्यूज और पेड सर्वे पर यकीन न करना. अपना दिल दिमाग लगाना. सपा को जरूर हराना. 

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से. उपरोक्त पोस्ट पर आए कमेंट्स पढ़ने के लिए इस पर क्लिक करें : Yash on FB

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Comments on “किसी को वोट दे लेना, पर सपा को नहीं… वजह बता रहे भड़ास एडिटर यशवंत

  • umesh shukla says:

    Yashwant bhai. badhai yatharth ka chtran karane ke liye. bahut achcha likha hai aap ne,,, मीडिया वालों के पेड न्यूज और पेड सर्वे पर यकीन न करना. अपना दिल दिमाग लगाना. सपा को जरूर हराना.

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