के. सत्येंद्र-
आगरा के पत्रकार गौरव अग्रवाल के बाद गोरखपुर से खबर है कि पुलिस ने यहां भी एक पत्रकार का शिकार कर लिया है। सुना है कि सी एम साहब का शराब और शराब माफियाओं से छत्तीस का आंकड़ा रहता है लेकिन सी एम साहब के होम टाउन गोरखपुर में यहां की पुलिस का शराब माफियाओं से पुराना याराना है। शराब माफियाओं द्वारा पुलिसवालों की हुई कुटाई और जगहँसाई की घटना के बाद भी कुछ भ्रष्ट पुलिसिये इनसे याराना निभाने की खातिर अपना सम्मान अपनी वर्दी सब दांव पर लगाए जा रहे हैं।
गोरखपुर के गांव जगदीशपुर में सी न्यूज़ भारत चैनल द्वारा कच्ची शराब का स्टिंग कर पुलिस चौकी और शराब माफियों की मिलीभगत को उजागर किया गया था। खबर से बौखलाए जगदीशपुर चौकी के दरोगा आशुतोष राय और वर्षों से इस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल हरेंद्र ने खबर प्रसारित होने के चौबीस घंटे के अंदर ही स्टिंग करने वाले चैनल के पत्रकार अजीत पासवान के विरुद्ध आबकारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराकर पत्रकार को शराब माफिया बना दिया है।
अजीत पासवान जगदीशपुर गांव में ही रहते हैं और सी न्यूज़ भारत चैनल के प्रतिनिधि हैं। अजीत पासवान साल भर से अधिक समय से गांव में कच्ची शराब के धंधेबाजों के खिलाफ प्रसारित होने वाली खबरों पर काम कर रहे हैं। खबरों के प्रसारण की वजह से पुलिस चौकी में सालों से जमे रहने वाले वर्दीधारी एजेंट हरेंद्र यादव को शराब माफियाओं से वसूली करने में दिक्कतें आने लगी थी क्योंकि खबरों के प्रसारण के बाद आबकारी विभाग दनदनाता हुआ गांव में घुस आता था और शराब की भट्टियों पर तांडव मचा कर वापस चला जाता था। अब भट्टियाँ ही नहीं तो फिर वसूली कैसे होगी?
हेड कांस्टेबल ने यह दिक्कत अपने “दारूवाले दरोगा” जी को बताई। दरोगा जी ने पहले अवॉयड किया और जुगाड़ के तहत गांव में कच्ची शराब घर के अंदर रसोई गैस पर बनने लगी। जब घर के अंदर भी स्टिंग हो गया तो दरोगा जी भनभना गए और पत्रकार पर ही मुकदमा लिख उसे शराब माफिया बना दिया। “दारूवाला दरोगा जी” कहते हैं कि पत्रकार काफी समय से कच्ची शराब का धंधा कर रहा था। यदि वाकई ऐसा है तो दरोगा जी अब तक आप झख मार रहे थे क्या?
दरोगा जी लगभग छह महीने से इस चौकी पर हैं और इनकी झख तब टूटी जब इनकी और इनके चौकी की वसूली की खबरें चलने लगी। थानेदार साहब भी अपने “दारूवाला दरोगा” के इस करिश्माई करतब के कायल हो गए हैं और उनके पास भी कोई जवाब नहीं है।
दरोगा जी कहते हैं कि गांव वालों के बयान पर उन्होंने पत्रकार को मुकदमे में नामजद किया है। जिस गांव में नब्बे प्रतिशत लोग कच्ची शराब के धंधे में लिप्त हैं उनके कहने पर कच्ची शराब के खिलाफ खबर चलाने वाले पत्रकार पर मुकदमा लिखवा देने की काबिलियत सिर्फ दरोगा जी के पास है। जिस पत्रकार को कच्ची शराब के मुकदमे में पुलिस ने सहअभियुक्त बनाया है उसकी गिनती गांव के रईसों में होती है। वह कई बीघे खेत से लेकर हेचरी फार्म, एग फार्म और फार्म हाउस का मालिक है। बहरहाल इस घटना से आहत पत्रकार ने बताया है कि वह चौकी इंचार्ज आशुतोष राय तथा हेड कांस्टेबल हरेंद्र के खिलाफ अदालती कार्यवाही और लोकायुक्त जांच कराने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है।
घटना की वास्तविकता यह है कि खबर का प्रसारण होने के बाद दरोगा जी ने कच्ची शराब के धंधे में लिप्त गांव की दो महिलाओं को उठाया और उनकी जमकर कुटाई कर उन पर पत्रकार का नाम लेने का दबाव बनाया गया। गिरफ्तारी के बाद महिला के ताजा जख्म इस बात की गवाही दे रहे हैं।
गोरखपुर के पत्रकार के. सत्येंद्र की रिपोर्ट.
मूल खबर-
Akhil pratap singh
March 19, 2022 at 3:42 pm
I have solid proofs against this local alcohol Mafia