00 प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर काबीना मंत्री ने नहीं दी मीडिया को कोई तबज्जो, गर्मी में डेढ़ घंटे तक कराया इंतजार
00 पत्रकार हर दस मिनट पर सूचना पर सूचना भिजवाते रहे
00 गर्मी में डेढ़ घंटा गेस्ट हाउस के बाहर इंतजार करना पत्रकारों को अखर गया
00 सहायक जिला सूचना अधिकारी बोले- मैं तो हूं मजबूर, कार्यक्रम तो ऊपर से लगकर आया था
पीलीभीत। उत्तर प्रदेश में सरकार का अजब हाल है। लखनऊ से जिला प्रशासन को भेजे गए प्रोग्राम में प्रेस कॉन्फ्रेंस का कार्यक्रम निर्धारित करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री श्रम एवं सेवायोजन स्वामी प्रसाद मौर्या ने गेस्ट हाउस पहुंचे पत्रकारों को कोई तबज्जो नहीं दी। यहां तक की पत्रकार गेस्ट हाउस के वीआईपी सूट के कक्ष में बैठे मंत्री को हर 10 मिनट पर सूचना भिजवाते रहे लेकिन आमंत्रित किए जाने के बावजूद मंत्री की प्राथमिकता पर पत्रकार नहीं रहे और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए पत्रकारों को घंटों गेस्ट हाउस के बाहर गर्मी में इंतजार कराया।
मामला पीलीभीत जनपद के प्रभारी मंत्री व श्रम एवं रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का है। मंत्री के प्रधान निजी सचिव उमाशंकर की ओर से जिला प्रशासन को भेजे गए भ्रमण कार्यक्रम में गुरुवार को अपराहन 2:15 बजे लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पत्रकार वार्ता होना बताया गया। प्रमुख समाचार पत्रों के संवाददाता मंत्री के भ्रमण कार्यक्रम में शामिल पत्रकार वार्ता और उस संदेश को सहायक जिला सूचना अधिकारी की ओर से सभी पत्रकारों को भेजे जाने के क्रम में नियत समय पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पहुंच गए।
मंत्री भी सरकारी मीटिंग निपटाने के बाद 2:30 बजे लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह पहुंच गए। उनको उनके निजी सचिव ने पत्रकारों की मौजूदगी के बारे में भी सूचित किया। काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस सब को अनदेखा कर वीआईपी कक्ष में जाकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से कुछ देर बात की। उनके निजी सचिव ने तब डीएम एसपी के जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने की बात कही लेकिन डीएम और एसपी भी चले गए।
उसके बाद भी पत्रकार बुलावे के इंतजार में खड़े रहे, वहां पहले से मौजूद संगठन के नेताओं से मंत्री ने बातचीत शुरू कर दी। इसके बाद भी जब मंत्री का बुलावा नहीं आया तो खुद पत्रकारों ने उनके स्टाफ से कहा लेकिन बुलाने के बाद भी मंत्री की प्राथमिकता पर पत्रकार नहीं रहे। मंत्री ने ना तो पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस निरस्त करने की बात कही और ना ही वार्ता करने के लिए बुलाया और इसके बाद रोटी खाने बैठ गए।
कमरे में काबीना मंत्री का भोजन कार्यक्रम चलता रहा और जिले के तमाम नेता आते गए और उनसे मिलकर जाते रहे लेकिन मंत्री में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए पत्रकारों को बुलाकर बात करना गवारा नहीं समझा। अन्ततः तमाम पत्रकार झुंझलाकर वापस लौट गए। शाम 3:45 बजे तक कुछ पत्रकार इस उम्मीद में गेस्ट हाउस पर भूखे प्यासे गर्मी में खड़े रहे कि शायद मंत्री जी प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए अंदर बुला ले।
डेढ़ घंटे इंतजार के बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस ना होने पर सहायक जिला सूचना अधिकारी नरेंद्र कुमार ने भी अपनी विवशता जताते हुए कहा कि कार्यक्रम तो ऊपर से ही लग कर आया था लेकिन वह क्या करें।
Kunal kumar
June 3, 2021 at 6:46 pm
Kasm kha lo patrakaro kabhi kisi mantri, neta, cm, pm ke pichhe pichhe nahi chaloge jis din yesa kar leye yaise log sidha ho jayenge..