यशवंत-
ठाकुर Sahil Singh Suryavanshi अब बाबा Swami Satyanand बन गये हैं। पूर्वी चंपारण ज़िले के इस 37 वर्षीय शख़्स ने सेल्स-मार्केटिंग के फील्ड में एक ऊँचाई हासिल करने के बाद अध्यात्म का रास्ता अपना लिया।
वे कहते हैं कि महादेव उनके सपने में आये और इस नये रास्ते पर चलने का आदेश दिया। एक रुपये का भिक्षाटन करने के लिये वे अपनी फोर्ड एंडेवर कार से मेरे यहाँ भी आये थे। इस मौक़े पर मैंने युवा स्वामी से बातचीत की।