लखनऊ : स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी के रिपोर्टरों ने धन उगाही समेत कई आरोप लगाए हैं। स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी के यूपी हेड चेंज होने के बाद पैसे न देने पर कई दर्जन रिपोर्टर को हटा दिया गया।
पहले भी स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी द्वारा सी मीडिया प्राइवेट अकाउंट में जमा कराया गया था 25 हजार रुपये प्रति रिपोर्टर। सालो से काम कर रहे रिपोर्टर पर नहीं दी जाती सैलरी। उल्टा रिपोर्टर से की जा रही धन उगाही।
नए यूपी हेड मनोज सिंह आए हैं। इनके एक साथी पवन सिंह हैं। यह दोनों लोग डील कर रहे हैं। वर्षो से काम कर रहे पुराने रिपोर्टरों को swaraj express smbc न्यूज चैनल से हटा दिया गया, बिना नोटिन दिए।
पहले स्वराज एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल के एडिटर इन चीफ एसपी त्रिपाठी थे। उन्होंने स्वराज एक्सप्रेस एमबीसी न्यूज़ चैनल को छोड़ दिया है। अब स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी न्यूज़ चैनल के मालिक अमित कुमार हो गए हैं। लखनऊ के स्टेट हेड मनोज सिंह हो गए हैं। पहले स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी की लखनऊ स्टेट वंदना रावत थी। चैनल के एडिटर इन चीफ चेंज होने के बाद लखनऊ यूपी हेड चेंज होकर मनोज सिंह आ गए। तबसे स्वराज एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल में शोषण शुरू हो गया है। पुराने रिपोर्टर जो बरसों से काम कर रहे थे उनको बिना कारण नोटिस दिए उनका पक्ष जाने हुए स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी न्यूज़ चैनल से निकाल दिया गया।
चैनल के उत्तर प्रदेश हेड मनोज सिंह से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने अपने एक साथी पवन सिंह संवाददाता लखनऊ का नंबर दीया और इनसे बात कर लो। इस संबंध में जब हटाए गए रिपोर्टरों ने पवन सिंह से बात की तो उन्होंने रिपोर्टरों को टहलाते हुए आजकल आजकल कर के समय बिताया। कहा कि 15 अगस्त को कितना विज्ञापन दे सकते हो। इस पर रिपोर्टर ने कहा 15 अगस्त आएगा तब विज्ञापन देंगे। विज्ञापन की सहमति भी कई रिपोर्टरों ने दी। लेकिन उसके बाद भी उनका बिना पक्ष जाने हुए उन्हें स्वराज एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल से हटा दिया गया और नए रिपोर्टरों की तैनाती कर दी गई। वर्षों से काम कर रहे रिपोर्टरों को कोई सैलरी वेतन तक नहीं दिया गया। उल्टा रिपोर्टरों का शोषण किया गया और धन उगाही की गई।
देखें शिकायती पत्र-
ये नए रिपोर्टर है जिनको जोड़ा गया है। इन जिले में जो पुराने रिपोर्टर थे, उनको हटा दिया गया…
स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी चैनल के चेयरमैन सुनील कपूर बताए जाते हैं। इन कपूर पर भी कई क़िस्म के आरोप हैं और कुछ मामलों में एफआईआर दर्ज है।
चैनल का पक्ष पढ़ें-
‘स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी चैनल पर वो लोग निराधार आरोप लगा रहे हैं जो खुद विज्ञापन का पैसा दबाए हैं’