मनोज अभिज्ञान-
जॉन एस स्ट्रॉन्ग अमेरिका के बेट्स कॉलेज में रिलिजियस स्टडीज डिपार्टमेंट में प्रोफेसर हैं. वह बौद्ध अध्ययन और बुद्ध की जीवनी के विशेषज्ञ हैं. उनकी एक किताब है ‘The Buddha’. इस किताब में जॉन एस स्ट्रॉन्ग लिखते हैं:


सिद्धार्थ के गृह त्याग के समय तक राहुल का जन्म नहीं हुआ था. राहुल सिद्धार्थ के गृहत्याग वाली रात को गर्भ में आए. गृहत्याग के 6 साल बाद जिस दिन सिद्धार्थ को बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ उसी दिन राहुल का जन्म हुआ.
सिद्धार्थ के घर छोड़ने के बाद सिद्धार्थ के पिता शुद्धोधन और उनके नाना सुप्रबुद्ध ने सिद्धार्थ का ध्यान रखने और उनकी ख़बर देते रहने के लिए अपने आदमी भेज रखे थे जो बुद्ध का बराबर ध्यान रख रहे थे. बुद्ध की तपस्या के समय उनका ध्यान रखने वाले यही पांचों लोग आगे चलकर बुद्ध के पहले पांच शिष्य बने.
बौद्ध ग्रंथों के अनुसार जंगल में सिद्धार्थ के हर कार्यकलाप की खबर कपिलवस्तु तक पहुंचती रहती थी जिसे सुनकर यशोधरा भी अपने पति का साथ देने के लिए उसी तरह का जीवन जीती थी जिस तरह का जीवन सिद्धार्थ जीते थे.
उदाहरण के लिए, जब कपिलवस्तु में यशोधरा तक यह ख़बर पहुंची कि सिद्धार्थ अब उपवास रख रहे हैं और महज एक तिल के बीज, एक चावल का दाना, एक बेर, दाल की एक फली, एक मूंग, एक राजमा खा कर जीवनयापन कर रहे हैं तब यशोधरा भी एक तिल के बीज, एक चावल का दाना, एक बेर, दाल की एक फली, एक मूंग, एक राजमा खा कर जीवनयापन करने लगी. जब यशोधरा तक यह खबर पहुंची कि सिद्धार्थ अब घास के बिछौने पर सोने लगे हैं तब यशोधरा ने भी अपना बिस्तर त्याग दिया और घास के बिछौने पर सोने लगी.
इन सब कठोर तपस्याओं के फलस्वरूप यशोधरा अत्यंत क्षीण हो गई और उसके पेट में पल रहे भ्रूण का विकास भी रुक गया और यशोधरा का गर्भ लगभग गायब सा हो गया. सिद्धार्थ द्वारा सुजाता का खीर खाने और फिर से सामान्य भोजन ग्रहण करना शुरू करने की ख़बर मिलते ही यशोधरा ने भी फिर से सामान्य भोजन लेना शुरू कर दिया और एक बार फिर पेट में पल रहा बच्चा विकसित होने लगा. घर छोड़ने के 6 साल बाद सिद्धार्थ को जिस दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई उसी दिन यशोधरा ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसका नाम राहुल रखा गया.
डिस्क्लेमर : पोस्ट में उल्लिखित तथ्यों से मेरी सहमति या असहमति नहीं है. मैंने सिर्फ पुस्तक में उल्लिखित तथ्यों को प्रस्तुत किया है. सभी तथ्य अमेरिका के बेट्स कॉलेज में रिलिजियस स्टडीज डिपार्टमेंट में प्रोफेसर जॉन एस स्ट्रॉन्ग के हैं. वह बौद्ध अध्ययन और बुद्ध की जीवनी के विशेषज्ञ हैं.