बीजेपी विधायक के बेटे को मुकदमा दर्ज करवाने के लिए लेनी पड़ी कोर्ट की शरण
ग्रेटर नोएडा। यूपी में योगी सरकार के दौरान चल रहे राम राज्य से खुद पार्टी के विधायक और उनके परिजन कितना संतुष्ट हैं इसका उदाहरण शो विंडो कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा में देखने को मिल रहा है। नोएडा की पुलिस सत्ताधारी विधायकों के परिजनों की भी कंप्लेन दर्ज नहीं करती है। नोएडा में मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ता है।
सूत्रों के मुताबिक हिंदुस्तान अखबार के ग्रेटर नोएडा आफिस में कार्यरत एक पत्रकार पिछले कई सालों से अपना न्यूज़ पोर्टल “ट्राइसिटी टुडे” चला रहा है। हिंदुस्तान प्रबंधन द्वारा अक्टूबर में उसका तबादला किये जाने की चर्चा के बाद हाल ही में 14 दिसंबर को उसने पोर्टल के कार्यालय का विधिवत उद्घाटन कर लिया है।
बीजेपी से दादरी विधायक तेज़ पाल नागर के बेटे दीपक नागर ने इस पोर्टल के रिपोर्टर मयंक तवंर और अवधेश के खिलाफ खबर चलाकर धन उगाही की शिकायत थाने में की थी। मुकदमा दर्ज न किए जाने पर दीपक नागर ने गौतमबुद्ध नगर न्यायालय की शरण ली। सुनवाई के बाद कोर्ट ने थाना दादरी पुलिस को मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किये जाने के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक ट्राइसिटी पोर्टल को ग्रेटर नोएडा के एक चर्चित बीजेपी विधायक का संरक्षण है। इसके चलते पुलिस ने बीजेपी के दादरी विधायक के पीड़ित बेटे दीपक नागर की शिकायत दर्ज नहीं की। इसके बाद वो पुलिस के आला अधिकारियों के पास गए और सुनवाई ना होने पर न्यायालय की शरण लेने को मजबूर हुए।
19 दिसंबर के अंक में कोर्ट के आदेश पर पोर्टल के खिलाफ मुकदमा लिखे जाने की खबर को दैनिक जागरण ने बिना किसी का नाम दिए प्रकाशित किया है। अब देखना होगा कि विधायक के बेटे को पुलिस कितना न्याय दिला पाती है!
इस खबर पर ट्राई सिटी पोर्टल का पक्ष पढ़ें-